Betul Samachar: लेहड़दा- बरेठा में हादसे रोकने पर आज तक नहीं हुआ अमल
Betul Samachar: No action has been taken till date to prevent accidents in Lehdada- Baretha

सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कलेक्टर के पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के अधिकारियों को दिए निर्देश हवा में
Betul Samachar: बैतूल। जिले के मुखिया होने के कारण कलेक्टर का अधीनस्थों पर नियंत्रण रहता है, लेकिन बैतूल में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। यह पहला मौका नहीं है, जब इस तरह की बात सामने आई है, इसके पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है कि कलेक्टर ने अधीनस्थों को टीएल से लेकर अन्य बैठकों में फटकारा, लेकिन नतीजा हमेशा ढाक के तीन पात की तरह निकला। यही स्थिति सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में देखने को मिली है जब भीमपुर क्षेत्र के लेहड़दा घाट और शाहपुर के बरेठा घाट पर आए दिनों हादसे और जाम की स्थिति के बाद इस पर निगरानी रखने और व्यवस्था बनाने के लिए कहा था, लेकिन पांच माह में एक प्रतिशत भी बात आगे नहीं बढ़ी। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह तो कलेक्टर के नियंत्रण में अधिकारी नहीं है या फिर अधिकारियों को कलेक्टर के आदेश की परवाह नहीं है।
जिले में आए दिनों हादसे हो रहे हैं। नियम से हर दो से तीन माह में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होना चाहिए, लेकिन हमारे जिले में यह बैठक भगवान भरोसे ही हो रही है। दूसरी बात यह है कि बैठक होने के बाद इसमें जनप्रतिनिधियों को बुलाने का औचित्य खत्म होते जा रहा है। दरअसल उनके द्वारा दिए गए सुझावों को अधिकारी ही ठेंगा दिखा रहे हैं। कुछ मामलों में कलेक्टर ने भी अधीनस्थों को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिए गए सुझावों को सख्ती से पालन करने के निर्देश अधीनस्थों को दिए, लेकिन उनके आदेश भी हवा में उड़ा दिए गए। इसी वजह निर्णयों का सही क्रियान्वयन नहीं होने से स्थिति लगातार बिगड़ रही है।
लेहड़दा-बरेठा घाट के निर्णय हवा में
23 जुलाई को केंद्रीय मंत्री डीडी उइके सहित पांचों विधायकों की मौजूदगी में हुई बैठक में कलेक्टर-एसपी भी शामिल हुए। संयोगवश सबसे पहले चर्चा लेहड़दा घाट के सुधार कार्य के संबंध में हुई। बैठक में बताया गया कि अनुविभागीय अधिकारी पीडब्ल्यूडी (राष्ट्रीय राजमार्ग) ने अवगत कराया था कि वन विभाग द्वारा दिए गए डिमांड नोट के अनुसार घाट के मरम्मत के लिए राशि की मांग की गई है। वन विभाग को राशि प्रदान कर निर्माण कार्य संभव हो सकेगा। इसके लिए कलेक्टर ने पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को निर्देशित किया था कि डिमांड नोट के अनुसार राशि प्रदान करने का पत्र भेजे। इसके लिए क्रियान्वयन एजेंसी पीडब्ल्यूडी की ईई को बनाया था, लेकिन वे हवा में बातें कर रही है।
उनका मोबाइल हमेशा चालू रहता है, लेकिन किसी भी मामले में काल करने पर रिसीव नहीं करती है, इसलिए मामला रद्दी की टोकनी में जा रहा है। इसी तरह एसपी ने बैठक में बरेठा घाट में लगातार जाम लगने से अव्यवस्थाओं का हवाला दिया। उन्होंने कोर्ट के स्टे के कारण इसकी जिम्मेदारी से न बचने की सलाह देते हुए कहा था कि जिस भी विभाग के अंतर्गत बरेठा घाट आता है, इसका सुधार कार्य करवाया जाए। इसके बाद कलेक्टर ने प्रोजेक्ट मैनेजर एनएचएआई हरदा को इस संबंध में पत्र लिखने के निर्देश दिए थे। हालांकि पत्र लिखा या नहीं इस बारे में स्पष्ट नहीं हो पाया, लेकिन दांवे के साथ कहा जा सकता है कि बरेठा घाट पर कोई सुधार कार्य नहीं किया गया और आज भी उसी स्थिति में है और लगातार जाम लग रहा है।
खबर से हड़कंप, आनन-फानन में बुलाई बैठक
सांझवीर टाईम्स के अभियान का ही असर है कि पुलिस विभाग में इस समय हर तरफ नियमों का पालन नहीं करने वाली बसों पर कार्रवाई की चर्चा चल रही है। खबर है कि एसपी की नाराजगी के बाद ट्रैफिक अमले ने शनिवार को अपरान्ह 4 बजे जिले के पूरे बस मालिकों की बैठक बुलाई है। यातायात प्रभारी गजेंद्र केन की ओर से जारी प्रेसनोट में बताया कि कोठीबाजार-गंज बसस्टैंड पर बसों के संचालन के दौरान कहीं पर भी बसें रोकी जा रही है।
इससे यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। कई बार मौखिक निर्देश देने के बावजूद इस पर नियंत्रण नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि समस्या का स्थाई निराकरण निकालने के लिए 4 बजे एसपी निश्चल एन झारिया बस मालिकों से चर्चा कर नियम बनाएंगे। इस नियम का सख्ती से पालन किया जाएगा, जो नियम तोड़ेगा उस पर निर्णय के अनुसार कड़ी कार्रवाई होगी।