ऑटो चालकों के लिए 5 माह में नहीं बने कोई नियम

आज भी मनमाने किराए से लुट रहे यात्री, यात्री किराया निर्धारित नहीं होने से लोगों की जेब हो रही ढीली

एजेंडा – 04 बैतूल। यह तय हो गया है कि बैतूल में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सामंजस्य स्थापित करने वाली बैठकें केवल औपचारिक बनकर रह गई है। इसकी बानगी कई बार देखने को मिल चुकी है, लेकिन हमेशा नतीजा सिफर निकला। पिछले तीन दिनों से सांझवीर टाईम्स जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में शामिल किए गए प्रस्तावों पर किए गए अमल को लेकर सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित कर रहा है। बैठक में शामिल किए गए एजेंडों पर अधिकतर अधिकारियों ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया।

इसी वजह से यातायात व्यवस्थाएं हर जगह बेपटरी हो गई है। जुलाई माह में हुई इस बैठक में जनप्रतिनिधियों के सामने ऑटो चालकों की मनमानी का मामला सामने आया था, तब कलेक्टर ने जिला परिवहन अधिकारी को ऑटो का किराया निर्धारित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन 5 माह में यह निर्णय धरातल पर नहीं उतर पाया है।

शहर में जीविका चलाने के लिए लगभग 300 ऑटो सड़कों पर दौड़ रहे है। इसमें पेट्रोल और इलेक्ट्रिक ऑटो शामिल है। सवाल इस बात का है कि ऑटो चालक वर्षों से अपने मन से यात्रियों को छोड़ने-ले जाने के लिए राशि निर्धारित करते आए है। निश्चित राशि तय नहीं होने के कारण अक्सर ऑटो चालकों और यात्रियों में विवाद की स्थिति निर्मित होते आ रही है, लेकिन ना तो यातायात विभाग और ना ही परिवहन महकमा इन ऑटो चालकों पर नकेल नहीं कस पाया है। आए दिनों सड़कों पर यात्रियों और ऑटो चालकों के बीच विवाद होते देखे जा सकते है।

मनमर्जी से वसूल रहे किराया, रात में दोगुना

जानकारी सामने आई है कि ऑटो चालक प्रशासन के ढुलमुल रवैया का बेजा फायदा उठा रहे है। चूंकि यात्री किराए की कोई सूची आज तक वर्षों से परिवहन और ट्राफिक अमले ने नहीं बनाई है। इसी वजह से मनमाने किराए की शिकायत आम बात हो गई है। वर्तमान में रेलवे स्टेशन से लेकर कोठी बाजार बस स्टैंड समेत शहर के दो दर्जन से अधिक स्थानों पर ऑटो खड़ी रहती है, लेकिन कहीं भी किराया निर्धारित नहीं है।

यही वजह है कि स्टेशन पर ट्रेन से उतरने वाले यात्रियों को सबसे ज्यादा किराया चुकाना पड़ता है। वर्तमान में स्टेशन से शहर के अन्य स्थानों पर जाने के लिए अलग-अलग राशि यात्रियों से ली जा रही है। बताया जाता है कि ऑटो चालक स्टेशन से भग्गूढ़ाना, विकास नगर समेत गंज के अंधिकांश क्षेत्रों के 50 से 100 रुपए तक वसूल रहे है। इसी तरह सदर, कोठी बाजार, टिकारी जाने के जिए 70 से 100 रुपए प्रतियात्री वसूल किए जा रहे है। बालाजीपुरम तक पहुंचने के लिए 250 रुपए चुकाना पड़ रहा है और रात में यात्रियों को दोगुनी राशि देना पड़ रहा है। किराए को लेकर ही अक्सर विवाद की स्थिति बनती है।

भोपाल से अनुमोदन, नहीं हुई सूची, इंतजार में बीते महीनों

यहां भी चौकाने वाली बात यह है कि 23 जुलाई को सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में तीसरे एजेंडे के रूप में बैतूल शहर में ऑटो किराया निर्धारित कर जिला परिवहन अधिकारी को कलेक्टर ने विधायक हेमंत खंडेलवाल के निर्देश पर ऑटो किराया निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। समिति की बैठक हुए 5 महीने बीत गए, लेकिन अब तक ऑटो किराया निर्धारित नहीं हुआ है। दो दर्जन से अधिक स्थानों से ऑटो चालक मनमर्जी से किराया वसूल रहे। परिवहन महकमा 5 माह में ऑटो चालकों की किराया सूची का निर्धारण नहीं कर पाया। वैसे कहा जा रहा है कि बैतूल के लिए किराया सूची के लिए भोपाल से संपर्क किया गया था, लेकिन अब तक यह उपलब्ध नहीं हो पाई है, इसलिए विलंब हुआ है।

इनका कहना…
यह बात सही है कि ऑटो का किराया निर्धारित करने में विलंब हुआ है। चूंकि बैतूल छोटा शहर है, इसलिए भोपाल से किराए की सूची मंगवाई गई थी, उस आधार पर ऑटो किराया निर्धारित करना था। अब एक सप्ताह में हर हाल में ऑटो किराया निर्धारित कर सूची बना ली जाएगी।
अनुराग शुक्ला, जिला परिवहन अधिकारी बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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