Fraud: फर्जीवाड़ा: एसडीओ-रेंजर ने सागौन रूटशूट की जबरन वसूली राशि
Fraud: Fraud: SDO-Ranger extorted money from teak rootshoot

सामाजिक वानिकी वृत में भ्रष्टाचार चरम पर, अधिकारी आंख बंद कर बैठे
Fraud: बैतूल। सामाजिक वानिकी वृत बैतूल में भ्रष्टाचार चरम पर है और अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। बैतूल के एसडीओ जमाल सिंह धार्वे और वृत के रेंजर रामचंद्र कवड़े ने अपने अधीनस्थ रोपणियों में भारी भ्रष्टाचार कर शासन को चूना लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसका खुलासा गुप्त रूप से रोपणी प्रभारी सांपना ने एक पत्र के माध्यम से वरिष्ठों से की एक शिकायत में हुआ है। यह भ्रष्टाचार यही नहीं रूका और अब दोनों अधिकारियों पर आरोप लग रहे हैं कि सागौन बीज खरीदी में प्रभारियों से मनमानी राशि से वसूली कर ली। अभी किसी मामले की जांच शीर्ष अधिकारियों ने नहीं की है। यही वजह है कि एसडीओ और रेंजर ने भ्रष्टाचार की सीमाएं लांघ दी है।
रोपणी प्रभारी सांपना द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सांझवीर टाईम्स को की शिकायत में बताया था कि पहले ही एसडीओ जमाल सिंह धार्वे और रेंजर रामचंद्र कवड़े ने नियमों को ताक पर रखकर अपने निकटतम लोगों के खाते में मजदूरों के नाम फर्जी बाउचर लगाकर लाखों रुपए का भुगतान कर लिया है। चूंकि रेंजर कवड़े सांपना के पास एक गांव के रहने वाले हैं, इसलिए एसडीओ के साथ मिलकर उन्होंने फर्जी भुगतान कर डाला। यह आरोप अभी चर्चा में ही थे कि शिकायत में एक और सनसनीखेज आरोप लगने से दोनों अधिकारी संदेह के घेरे में आ गए हैं।
शिकायत में बताया गया है कि एसडीओ जमाल सिंह , रेंजर कवड़े और विष्णु सरियाम ने सागौन रूटशूट एवं बीच खरीदकर लाए थे, इसमें तीनों के द्वारा अधीनस्थ प्रभारियों से वसूली की जा रही है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि सागौन रूटशूट एक रुपए प्रतिनग से मिलता है, लेकिन इनके द्वारा जबरन 1 रुपए 60 पैसे की राशि वसूल की गई। प्रभारियों द्वारा मना करने पर उन्हें चेतावनी दी गई, इसी वजह भयभीत होकर कर्मचारियों ने किसी को बताया नहीं और इनकी वसूली का शिकार होते रहे।
घटिया बीज का वसूला दोगुना दाम
शिकायतकर्ताओं की माने तो एसडीओ और रेंजरों ने मिलकर शासन को खूब चूना लगाया है। दरअसल 1 रुपए प्रति नग के रूटशूट का 1 रुपए 60 पैसे वसूले गए। इसके बाद भी सागौन का बीज इतना घटिया था कि रोपणी में अच्छी तरह से उगा तक नहीं। शिकायकर्ता की शिकायत पर यकीन करें तो कई क्षेत्र में सागौन केवल औपचारिक बनकर रह गया है। इसके बाद भी इन अधिकारियों ने उसका मनमाना रेट लगाकर राशि वसूल कर ली। चूंकि इनके खिलाफ बोलने से कर्मचारी डरते हैं, इसलिए यह मामला अधिकारियों तक आया नहीं और भ्रष्टाचार लगातार बढ़ते रहा।
वर्षों से चला आ रहा सिलसिला
सूत्र बताते हैं कि एसडीओ जिस भी जगह पदस्थ रहे हैं, उनके कारनामों की लंबी लिस्ट है। जानकार सूत्र बताते हैं कि बैतूल वानिकी वृत में पदस्थापना के बाद से ही कई तरह के लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे, लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। सूत्र बताते हैं कि कई शिकायतों को आंखे नहीं बढ़ने दिया गया। इसी वजह मामला अधिकारियों तक नहीं पहुंचा, लेकिन दांवा किया जा रहा है कि वानिकी वृत बैतूल के अधिकारियों को यह सब जानकारी थी, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।
इसी वजह अधीनस्थ कर्मचारियों को अब शिकायत करने का मौका मिल रहा है। चौकाने वाली बात यह है कि बैतूल के सामाजिक वानिकी वृत में स्थाई सीसीएफ पीएन मिश्रा के होने के बावजूद वे कुछ भी ध्यान नहीं दे रहे हैं। उनके जितने भी नंबर वन संरक्षक कार्यालय से उपलब्ध कराए जा रहे हैं, वे बंद या दूसरे नंबर पर फार्वेड कर दिए गए हैं। इसी वजह उनसे भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर चर्चा नहीं हो पा रही है।