Betul News: जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन का ठेका, फिर भी रोटरी मशीन का टेंडर
Betul News: Contract for food for patients in the district hospital, yet tender for rotary machine

समझ से परे सीएमएचओ का निर्णय, शासन के पैसे को अधिकारी लगा रहे ठिकाने
Betul News: बैतूल। बैतूल में बड़ी विडंबना है कि शासन के पैसे का खुला दुरुपयोग हो रहा है और शीर्ष अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद केवल दिखवाते हैं के रट्टू तोता जवाब ने अधीनस्थों को जैसे फ्री हैंड दे दिया हो। मामला जिले के स्वास्थ विभाग से जुड़ा है, जहां राज्य शासन जिला अस्पताल में सुविधाओं की दृष्टि से मशीन लगाने के लिए प्रस्ताव मांग रही है और हमारे जिले के सीएमएचओ जिला अस्पताल में मरीजों के भोजन का ठेका निजी कंपनी को दिए जाने के बावजूद रोटी बनाने की महंगी मशीन खरीद रहे हैं। इतना ही नहीं कई कीमती मशीन जो अस्पताल में पहले से ही मौजूद है, उसे भी बुलाकर व्यर्थ ही शासन की राशि का दुरुपयोग करने का तथाकथित प्रयास किया जा रहा है। इस मामले में हमारे जिले के शीर्ष अधिकारियों को भी जानकारी है, लेकिन दिखवाते हैं शब्द ने लुटिया डूबा रखी है। इसी वजह शासन की राशि का सद्पयोग होने के बजाए, दुरुपयोग हो रहा है।
जानकार सूत्र बताते हैं कि राज्य शासन ने हर जिला अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं के लिए टीएमटी, इको कार्डियालाजी मशीन और टीएमटी समेत अन्य मशीनें लगवाई जा रही है। जिला अस्पताल में पहले से ही इको कार्डियालाजी मशीन मौजूद है। कहा जा रहा है कि टीएमटी मशीन पूर्व में राज्य शासन से पूर्व कलेक्टर अमनवीर सिंह बैस के कार्यकाल में स्वीकृत नहीं हुई थी, लेकिन यह प्रस्ताव पेडिंग पड़ा था। इसके आधार पर टीएमटी मशीन आना तय था। इसके बाद वर्तमान सीएमएचओ ने यह मशीन दूसरी बार राज्य शासन को प्रस्ताव भेजकर बुलवा ली और इसके टेंडर भी हो गए। सवाल यह है कि पूर्व में इको कार्डियालाजी मशीन बंद कमरे में धूल खा रही है। इसका उपयोग शुरू नहीं किया गया है और न ही टीएमटी मशीन के टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया पूरी कर ली है। कलेक्टर ने भी इस मामले में सीएमएचओ से पूछताछ की थी, लेकिन नतीजा सिफर निकला।
टीमएटी मशीन भी पहले से मौजूद
बताया जाता है कि जिला अस्पताल में पहले से ही टीएमटी मशीन मौजूद है। इसके बावजूद दूसरी मशीन बुलवाकर शासन के राजस्व को तगड़ा नुकसान पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। पूर्व में भी यह मामला अधिकारियों के सामने आया था, लेकिन कोई ठोस पहल नहीं की। बताया जाता है कि टीएमटी मशीन पहले से जिला अस्पताल में मौजूद है। इसका संचालन डॉ रानू वर्मा और डॉ रोहित पराते कर रहे हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि यही दोनों डाक्टर जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों की जांच इको कार्डियोलाजी मशीन से कर रहे हैं। इसके पीछे भी एक बड़ी बात सामने आई है कि दोनों ही डाक्टर टीमएमटी से केवल शनिवार को दो से तीन मरीजों की जांच कर पा रहे हैं। चूंकि एक मरीज की जांच में तीस मिनट लगता है, ऐसे में समय अधिक लगने के कारण टीएमटी मशीन का औचित्य 6 दिन नहीं रहता है।
डाक्टरों-कर्मचारियों की कमी, मशीन का क्या होगा उपयोग?
चौकाने वाली बात यह है कि सीएमएचओ ने चौकाने वाला निर्णय लेते हुए राज्य शासन को यही दो मशीनें बुलवाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। सूत्र बताते हैं कि दोनों मशीनों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। सीएमएचओ के अधीन शाखा प्रभारी सुनील द्विवेदी ने पुष्टि की है कि मशीन बुलाने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है। अधिक जानकारी सीएमएचओ ही देंगे, क्योंकि वे नए आए हैं। इसके विपरित जानकारी सामने आई है कि मशीनों के टेंडर होते ही दोनों मशीनें फिर जिला अस्पताल में पहुंच जाएगी, लेकिन 8 से 15 लाख की इन दो मशीनों का उपयोग कैसे होगा, यह समझ से परे हैं। पहले से ही जिला अस्पताल में डाक्टरों और कर्मचारियों की कमी है। इन मशीनों को आपरेट करने के लिए एक अदद स्टाफ की जरूरत पड़ेगी, जब तक इसकी कमी पूरी नहीं होगी मशीनें पूर्व की तरह धूल खाते रहेगी।
इनका कहना….
मुझे आपके माध्यम से जानकारी मिली है कि जिला अस्पताल में इको कार्डियोलाजी और टीएमटी होने के बावजूद दूसरी मशीनें बुलाई जा रही है। इस संबंध में सीएमएचओ से चर्चा कर वास्तविकता की जानकारी ली जाएगी। यदि लापरवाही सामने आती है तो जांच कराएंगे।
हेमंत खंडेलवाल, विधायक बैतूल
मुझे पहले भी आपने बताया था, मैने जानकारी मांगी है। मशीनों को लेकर दोबारा सीएमएचओ से चर्चा की जाएगी।
नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल