Betul Politics: राजनीतिक हलचल: महिला का नाम अध्यक्ष के लिए सामने आते ही बदल रहे हालात….. आखिर पूर्व जनप्रतिनिधि और मीडिया हाउस के बीच के बीच बैठक में क्या हुई गलबहियां?? विपक्षी पार्षद को अपने खेमे में लाने के लिए अध्यक्ष क्या- क्या जतन कर रही???? पढ़िए विस्तार से हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…..

चुनाव में एक अनार सौ बीमार जैसे हालात

इस बार एक पार्टी में अध्यक्ष के चुनाव के लिए एक अनार सौ बीमार जैसे हालात है। संगठन के क्राइट एरिया में खरा उतरने वाले को ही जिम्मेदारी मिलेगी। लगभग 50 वर्ष तक के नियम के चक्कर में कई दावेदार मायूस है। कहा जा रहा है कि इस बार किसी महिला को भी संगठन की जवाबदारी सौंपी जा सकती है। यह महिला ओबीसी कोटे से हो सकती है। हालांकि जब से महिला को जिला अध्यक्ष बनाने की बात आगे बढ़ी है, तब से जिला अध्यक्ष के कुछ गंभीर दावेदारों के अरमानों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। चूंकि पद के लिए पहले से ही लाबिंग करना शुरू हो चुका है। यदि किसी महिला को अध्यक्ष बनाया जाता है तो कुछ दावेदारों की जमी हुई फि ल्डिंग पर असर पड़ सकता है। फिलहाल अध्यक्ष के दावेदार अपनी गोटिया फीट करने में लगे हैं।

पूर्व जनप्रतिनिधि- मीडिया हाउस के बीच गलबहियां

वैसे जनप्रतिनिधियों और मीडिया हाउस के बीच निकट संबंध होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन अपनी स्वार्थ के पीछे गलबहियां हो तो इसके निहायति मतलब निकलना स्वाभाविक है। दिवाली के ठीक तीन दिन पहले विपक्षी पार्टी के एक पूर्व चुने हुए जनप्रतिनिधि और एक मीडिया हाउस के बीच चली गलबहियां की इन दिनों शहर में खूब चर्चा हो रही है। खबर छनकर आ रही है कि उक्त जनप्रतिनिधि ने मीडिया हाउस को अपनी प्राथमिकताएं बता दी है।

इनके बीच पैकेजिंग और पालिटिक्ल प्लानिंग को लेकर जनप्रतिनिधि के आलीशान आवास में बंद कमरें में घंटों चर्चा हुई। आने वाले समय के लिए मीडिया मैनेजमेंट और दिवाली गिफ्ट को लेकर भी पूर्व जनप्रतिनिधि ने मीडिया हाउस से सलाह लेकर आगे की रणनीति का खाका तैयार किया। चर्चा है कि इस पैकेज में कुछ मामलों की इंपैक्ट न्यूज को लेकर भी चर्चा हुई है। यह पहला मौका नहीं जब पूर्व जनप्रतिनिधि और मीडिया हाउस के बीच चर्चा हुई। इसके पहले भी एक मर्तबा यह चर्चा सत्तारूढ़ पार्टी के कुछ नेताओं की मौजूदगी में हो चुकी है। इस गुप्त बैठक को लेकर शहर में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है कि आखिर राजनीति में मीडिया हाउस के माध्यम से क्या परोसा जाएगा? चर्चा तो यह भी है कि आजकल पूर्व जनप्रतिनिधि का एक चर्चित पीए मीडिया को घेरने के लिए अलग-अलग चाय पर बुला रहा है।

पार्षद को अपने खेमे में लाने की तैयारी

जिले के एक निकाय में जब से यह उजागर हुआ है कि पीआईसी में आरक्षण का पालन नहीं हुई है, तब से विपक्ष में मौजूद पार्षदों पर डोरे डाले जा रहा है। यहां की महिला अध्यक्ष पूरे मामले में खुद दिशा-निर्देश दे रही है। खबर है कि जिस पार्षद पर डोर डाले जा रहे हैं, वह भी जिद्दी हो बैठे हैं कि उसे लोक निर्माण का ही सभापित बनाया जाए। इससे कम में वह तैयार नहीं हो रहा है। इससे सत्तारूढ़ पार्टी की अध्यक्ष की परेशानी बढ़ गई है। वह भी अपने वरिष्ठों के जरिए विपक्षी पार्टी के पार्षद को अपने खेमे में लाने के लिए साम,दाम, दंड, भेद की नीति भी अपना सकती है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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