Betul News: शहर में पहली बार 3 करोड़ की लागत से बनेगी व्हाइट टॉपिंग सड़क
Betul News: White topping road will be built for the first time in the city at a cost of Rs 3 crore.

शहीद दीपक यादव चौक से कलेक्ट्रेट होते हुए लल्ली चौक होगा निर्माण, डामर के ऊपर चढ़ेगी कांक्रीट की परत
Betul News: बैतूल। शहर की सड़कें अभी तक सिर्फ सीमेंट कांक्रीट और डामर तक ही सीमित रही हैं, लेकिन विकास को लेकर बैतूल विधायक हेमन्त खंडेलवाल की गहरी सोच और तकनीकी समझ का ही परिणाम है कि पहली बार उत्कृष्ट तकनीक का सहारा लेकर लोक निर्माण विभाग शहर में नई तकनीकी वाली सड़क का निर्माण करने जा रहा है। व्हाइट टॅापिंग तकनीक से बनने वाली यह सड़क महंगी जरूर है, लेकिन सड़क की गुणवत्ता कम से कम 20 से 25 वर्ष होने का दावा किया जा रहा है।
शहीद दीपक यादव चौक से कलेक्ट्रेट कार्यालय होते हुए लल्ली चौक तक 2 किमी लंबी इस सड़क का निर्माण करीब 3 करोड़ रुपए की लागत से किया जाना है। लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए टेंडर कॉल कर दिए हैं। सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आने वाले समय में शहरवासियों को एक उत्कृष्ट सड़क की सौगात मिलना भी तय माना जा रहा है।
यह पहला मौका है जब शहर में व्हाइट टापिंग सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। बैतूल विधायक हेमन्त खंडेलवाल ने इस नई तकनीक से सड़क का निर्माण किए जाने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर महानगरों की तर्ज पर उच्च तकनीक से सड़क बनाने का प्लान सार्वजनिक किया था।
बैठक में व्हाइट टापिंग सड़क के लिए सदर से कलेक्ट्रेट होते हुए लल्ली चौक जाने वाला मार्ग तय किया गया। लोक निर्माण विभाग के सब इंजीनियर अखिल कवड़े ने बताया कि विधायक की पहल पर कुल दो किलोमीटर की इस सड़क के लिए 3 करोड़ रुपए का स्टीमेट तैयार किया गया था।
इसकी स्वीकृति मिलने के साथ ही राशि भी स्वीकृत हो चुकी है। सड़क का निर्माण शहीद दीपक यादव चौक से शुरू किया जाएगा जो काशी तालाब, पीडब्ल्यूडी कार्यालय, डॉ अशोक साबले चौक, चौपाटी, नेहरू पार्क , सर्किट हाउस, कलेक्ट्रेट के सामने से होता हुआ लल्ली चौक तक किया जाएगा।
व्हाइट टापिंग सड़क निर्माण के लिए जिले में एक भी ठेकेदार नहीं उपलब्ध
सड़क निर्माण को लेकर वैसे तो जिले में कई ठेकेदार और कम्पनियां मौजूद हैं, लेकिन व्हाइट टापिंग सड़क बनाने के लिए किसी भी ठेकेदार के पास कोई अनुभव या संसाधन मौजूद नहीं है। यही वजह है कि लोक निर्माण विभाग को दूसरी बार टेंडर कॉल करने पड़े हैं। सब इंजीनियर अखिल कवड़े ने बताया कि सड़क बनाने के लिए स्वीकृति मिलने के तत्काल बाद ही टेंडर कॉल किए गए थे, लेकिन जिले के किसी भी ठेकेदार ने रुचि नहीं दिखाई।
इसके पीछे कारण यह है कि नई तकनीक से सड़क निर्माण किये जाने का अनुभव नहीं होने से ऐसा हो सकता है, लेकिन विभाग द्वारा अब दूसरी बार टेंडर कॉल किए गए हैं। कुछ बाहरी ठेकेदारों के टेंडर आने की संभावनाएं भी बन रही हैं। जैसे ही टेंडर होंगे उसके तत्काल बाद सड़क का काम शुरू कर दिया जाएगा।
डामर पर चढ़ाई जाएगी सीमेंट कांक्रीट की परत, ढाई गुना होगी महंगी
दरअसल व्हाइट टॉपिंग रोड, मौजूदा डामर सड़कों पर सीमेंट कंक्रीट की परत लगाकर बनाई जाने वाली सड़कें होती हैं, डामर सड़क से इसकी लागत करीब ढाई गुना महंगी होती है । व्हाइट टॉपिंग की तकनीक से बनी सड़कें, गड्डों से मुक्त रहती हैं और ज़्यादा टिकाऊ होती हैं।
व्हाइट टॉपिंग में, सीमेंट, पानी, और समुच्चय (रेत और बजरी) को मिलाकर बनाए गए सीमेंट कंक्रीट की 100-200 मिमी की परत सड़क पर लगाई जाती है जिसके बाद सड़क की उम्र 20 से 25 साल बढ़ जाती है।
व्हाइट टॉपिंग की सड़कें, डामर सड़कों की तुलना में ज़्यादा टिकाऊ होती हैं और बारिश के मौसम में भी टिकाऊ रहती हैं। व्हाइट टॉपिंग से बनी सड़कें, कम गर्मी को अवशोषित करती हैं और शहरी गर्मी के प्रभाव को भी कम करती हैं।
इनका कहना….
व्हाइट टापिंग सड़क निर्माण के लिए 3 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं। दूसरी बार टेंडर कॉल किए हैं। जल्द निर्माण शुरू किया जाएगा।
अखिल कवड़े, सब इंजीनियर, लोक निर्माण विभाग