Betul News: केंद्रीय राज्य मंत्री के अधीन वाले अजाक विभाग में दाल काली!
Betul News: Dal Kali in Ajak Department under the Union Minister of State!

लंबे समय से जमे अधीक्षकों से दुलार, विधायकों की नाराजगी के बाद हटाने की तैयारी
Betul News: बैतूल। यहां के जनजातीय कल्याण विभाग में अंधा बांटे रेवड़ी चिन-चिन कर दे की कहावत चरितार्थ हो रही है। वह भी ऐसे समय जब सांसद दुर्गादास उइके को प्रधानमंत्री मोदी ने न सिर्फ अपने केबिनेट में राज्यमंत्री का दर्जा देकर आदिवासी मामलों का राज्यमंत्री बनाया है।
उइके के गृह जिले में जिस तरह जनजातीय कल्याण विभाग में गंभीर लापरवाही हो रही है, इससे वे भी हतप्रद है। केरल के दौरे से वापस लौटने के बाद उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा है कि सहायक आयुक्त समेत अधिकारियों से बैठक कर पूरी वस्तुस्थिति से अवगत होंगे। उन्होंने कहा कि यदि लापरवाही सामने आई है तो कार्रवाई भी तय कर दी जाएगी।
बैतूल जिले के जनजातीय कल्याण विभाग के अंतर्गत 3 एकलव्य आवासीय विद्यालय के अलावा दर्जनों छात्रावास शामिल है। इन छात्रावासों में क्या स्थिति है, इसकी बानगी कई बार लापरवाही के रूप में सामने आ चुकी है। मामले में कलेक्टर ने भी जांच करवाई, लेकिन सहायक आयुक्त शिल्पा जैन का अधीक्षकों को सीधे अभयदान के कारण गंभीर मामलों में भी केवल कार्रवाई औपचारिक बनकर रह गई। स्थिति तो यह है कि लापरवाह अधीक्षकों पर कार्रवाई तो कर दी गई, लेकिन बाद में उन्हें मनचाही पदस्थापना देने में भी यह विभाग अव्वल है।
भीमपुर क्षेत्र में एक आदिवासी बालिका के गर्भवती होने का मामला हो या शाहपुर में एकलव्य आवासीय विद्यालय में करोड़ों की खरीदी के भ्रष्टाचार का मामला हो। कहीं न कहीं संबंधितों को संरक्षण देकर अपनी राजनैतिक पहुंच के कारण सहायक आयुक्त हर मामले में साफ बच निकली, जबकि शाहपुर एकलव्य आवासीय विद्यालय में लंबे समय से भ्रष्टाचार चल रहा था। विभाग की मुखिया होने के नाते प्राचार्य के अलावा सहायक आयुक्त पर भी कार्रवाई तय होना था, लेकिन राजनैतिक रसूख के कारण ऐसा नहीं हो सका। इसकी वजह बैतूल में जनजातीय विभाग भगवान भरोसे चल रहा है।
विधायकों की नाराजगी खुलकर सामने आई
जानकार सूत्र बताते हैं कि पिछले दिनों जिले के प्रभारी प्रमुख सचिव की विधायकों और अधिकारियों के साथ बैठक हुई। पूरे नर्मदापुरम संभाग के सांसद-विधायक और अधिकारी इस बैठक में मौजूद रहे। बैठक में विधायक हेमंत खंडेलवाल ने उन्हें मिली शिकायत के बाद पांच वर्ष से अधिक छात्रावास अधीक्षकों के रहने से आ रही शिकायतों को गंभीरता से रखा।
इस पर प्रमुख सचिव ने कलेक्टर से पांच वर्ष से अधिक एक ही स्थान पर जमे अधीक्षकों को हटाने के निर्देश दिए। उनके अलावा भैंसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान ने भी यह बात प्रमुखता से रखी है। विधायकों की नाराजगी के बाद अब अधीक्षकों को हटाने के लिए प्रयास जारी है। खबर है कि इसमें भी अधिकारी अड़ंगा लगा रहे हैं।
मंत्री उइके भी खासे नाराज
पिछले दिनों शाहपुर में जनजातीय विभाग के अंतर्गत एकलव्य आवासीय विद्यालय की प्रतियोगिता में पांच जिलों की टीम शामिल होने आई थी। भोपाल की टीम के खिलाड़ियों को चेंजिंग रूम के लिए सीसीटीवी लगे कैमरे उपलब्ध कराए गए। इस पर छात्राओं ने बवाल किया तो सहायक आयुक्त ने प्राचार्य को बोलकर पूरी हार्ड डिस्क ही नष्ट करवा दी।
यह मामला केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उइके के संज्ञान में आया तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जाहिर की। उइके ने सांझवीर टाईम्स को बताया कि यह मामला बहुत गंभीर है। इसके अलावा छात्रावासों में एक ही स्थान पर जमे अधीक्षकों और भ्रष्टाचार को लेकर भी उन्होंने कहा कि केरल से लौटने के बाद वे अधिकारियों की बैठक लेंगे। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते कहा कि अब तक विभाग में जितनी लापरवाही हो गई, लेकिन अब बच्चों से जुड़े मामलों में जरा भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी।
इनका कहना….
आपके माध्यम से हार्डडिस्क नष्ट करने समेत अन्य मामलों की जानकारी मिली है। यह वास्तव में काफी गंभीर है। केरल से लौटने के बाद जनजातीय विभाग के अधिकारियों की बैठक लूंगा और अधिकारियों से जानकारी ली जाएगी। लापरवाही सामने आने पर कार्रवाई तय करेंगे।
दुर्गादास उइके, केंद्रीय राज्यमंत्री जनजातीय विभाग