Politics: राजनीतिक हलचल:आखिर थप्पड़ कांड का फिर क्यों हो रहा पोस्टमार्टम?? धर्मयात्रा के बहाने शक्ति प्रदर्शन कैसे हुआ फ़ीका??? किस संगठन में बढ़ रही तेजी से तक़रार???? पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…….

Politics: Political stir: Why is the post-mortem of the slapping incident happening again??

थप्पड़ कांड का फिर हो रहा पोस्टमार्टम

एक व्यापारी (सेठ) के ड्राइवर को पिछले दिनों एक माननीय के ड्राइवर द्वारा थप्पड़ मारने की घटना का फिर पोस्टमार्टम हो रहा है। इसकी वजह बताई जा रही है कि व्यापारी ने शहर में आकर घटना को तोड़ मरोड़कर पेश किया और अत्यंत शरीफ माननीय की छवि खराब करने की कोशिश की गई। चर्चाओं के मुताबिक पिछले दिनों व्यापारी का ड्राइवर राजधानी में उक्त माननीय की महंगी कार को रगड़ा मारकर भाग निकला था। जब माननीय राजधानी से वापस लौअ रहे थे, तब औबेदुल्लागंज में व्यापारी की गाड़ी खड़ी देखी तो माननीय के ड्राइवर ने अपना वाहन रोककर उनके ड्राइवर से बात की तो ड्राइवर की बहस झूमाझटकी में बदल गई। हालांकि माननीय ने दोनों ड्राइवरों का अलग कर दिया।

चर्चा है कि जब दोनों ड्राइवरों में तनातनी हो रही थी, तब व्यापारी एक शराब दुकान पर गए हुए थे। उनका शराब दुकान जाने का मकसद क्या था। यह तो पता नहीं चला, लेकिन शहर आकर जिस तरह से उन्होंने मामले में बात का बतंगड़ बनाकर अफवाह फैलाई, उससे आहत माननीय सीसीटीवी फुटेज निकलवा रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने आ सके। यदि फुटेज में व्यापारी शराब दुकान पर दिखते हैं तो इससे नया बखेड़ा खड़ा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।

धर्मयात्रा के बहाने शक्ति प्रदर्शनपिछले दिनों विपक्ष का

किसानों के बहाने एक बड़ा और धमाकेदार शक्ति प्रदर्शन हुआ। इसमें दो पूर्व माननीयों के जानबूझकर गायब रहने की चर्चा रही। इस चर्चा को कांगे्रसियों ने ही मुद्दा बना लिया। हालांकि उनके गायब रहने से तीसरे पूर्व माननीय ने लपके भीड़ का जमकर मजमा लूट लिया।

चर्चाओं के मुताबिक यह देखकर नदारद रहने वाले पूर्व माननीयों ने नई दिल्ली जाकर एक पूर्व माननीय की शिकवे शिकायत कर डाली। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो पिछले दिनों तीन पूर्व माननीयों ने शक्ति प्रदर्शन के बहाने एक धर्म यात्रा निकाल ली। इसे जमकर प्रसारित भी किया गया, लेकिन चर्चा है कि यहां भी मजमा जमा नहीं और खास फुटेज भी नहीं मिलने से उनके अरमानों पर पानी फिर गया।

इस संगठन में बड़ी जमकर तकरार

आदिवासियों से जुड़े एक संगठन में पिछले कुछ दिनों से ठीकठाक नहीं चल रहा है। विवाद एक कार्यक्रम में चंदे से लेकर जुड़ा है। इसी के बाद लगातार आदिवासियों की युवा संगठन द्वारा ब्लॉक स्तर पर कार्यकारणी बनाई जा रही है। यह कहीं न कहीं दूसरी पार्टी के लिए खलबली जैसी खबर है। इस संगठन के जिला अध्यक्ष की वर्किंग और संगठन पर भी सवाल उठाएं जा रहे हैं।

खबर तो यह भी है कि जिला अध्यक्ष और संगठन की कार्यप्रणाली से एक बड़ा धड़ा नाखुश होकर पर्दे के पीछे आदिवासियों के युवा संगठन को सहयोग कर रहे हैं। यदि यह सिलसिला चलता रहा तो जिस पार्टी का एक पंचायत प्रतिनिधि मौजूद है, उसका जिले से सफाया होने से नहीं रोका जा सकता।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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