Betul Samachar: बटामा नहर का अस्तित्व खत्म करने में जुटे माफिया-सरकारी नुमाइंदे

कालोनी बनाने के लिए फिर नहर की जमीन को रास्ता बताया, कलेक्टर से कार्रवाई की उम्मीद

Betul Samachar: बैतूल। किसानों के लिए जरूरत के समय बहुपयोगी साबित होने वाली नहरों पर माफियाराज कायम होते जा रहा है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्व, जलसंसाधन विभाग की मिलीभगत से किसानों के लिए जीवनपयोगी बनी नहरों का अस्तित्व खत्म हो गया है। जिला मुख्यालय से सटी बडोरा के आगे बटामा नहर तो पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। जिस क्षेत्र में नहर बची है, उस पर भी माफियाओं की कुदृष्टि पढ़ने से आने वाले समय में यह भी अस्तित्व से खत्म हो जाएगी। इसके बावजूद न तो हमारे जनप्रतिनिधि और न ही हमारे अधिकारी इस गंभीर मामले की ओर ध्यान दे रहे हैं। धरतीपुत्रों की कई बार शिकायतों के बाद उनकी बातें अनसुनी कर दी है।

बडोरा में एक पेट्रोल पंप के पास तक बटामा नहर जलसंसाधन के रिकार्ड के अनुसार दर्ज है। इस नहर पर पूर्व से कालोनाइजरों ने कब्जा कर कालोनियों का निर्माण कर दिया है। इस क्षेत्र में बनाए गए कई शोरूम और दुकानों के कारण भी किसानों को पानी देने के लिए आई नहर पूरी तरह से बंद कर दी गई। कुल मिलाकर कहा जाए तो जलसंसाधन विभाग के आधिपत्य वाली बटामा नहर खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकी है। जो नहर बची है, वह अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन यहां पर बची नहर की जमीन पर सड़क किनारे लगे खेत अब माफियाओं के कब्जे में जाने से इंकार नहीं किया जा सकता है। पूरे मामले में जलसंसाधन और राजस्व विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठाएं जा रहे हैं।

9 करोड़ की जमीन का सौदा

्रजानकार सूत्रों ने बताया कि बडोरा में टोयटा शोरूम के आगे स्थित एक खेत की दो एकड़ से अधिक जमीन का सौदा हाल ही में हुआ है। रोड के किनारे स्थित इस जमीन में फिलहाल गन्नाबाड़ी लगी है। सूत्रों के अनुसार 9 करोड़ में इस जमीन का सौदा होने के बाद कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि जमीन के सामने नहर का एक बड़ा हिस्सा सामने आ रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से हर बार की तरह इस बार भी वारे-न्यारे करने की तैयारी कर ली गई है। सूत्रों ने बताया कि इस बात की जानकारी क्षेत्र के पटवारियों के अलावा जलसंसाधन विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों को भी है, लेकिन उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देना भी मुनासिब नहीं समझा। नहर की जमीन को ठिकाने लगाने की तैयारियां कर ली गई है।

3 विभागों की भूमिका पर एक बार फिर बड़े सवाल

वर्षों से बटामा नहर के अस्तित्व को खत्म करने के लिए आधिपत्य वाले जलसंसाधन विभाग के अलावा राजस्व और टीएनसीपी पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए है। चूंकि इस समय बैतूल में संवेदनशील और भूमाफियाओं पर कार्रवाई करने वाले कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी पदस्थ है, इसलिए तीनों विभागों की भूमिका के अलावा भूमाफियाओं द्वारा बटामा नहर को खत्म करने की साजिश का पर्दाफाश करने की उम्मीद की जा रही है।

दरअसल राजस्व, जलसंसाधन और टीएनसीपी के अलग-अलग दायित्व है, लेकिन बटामा नहर के मामले में वर्षों से कार्रवाई का ढर्रा नहीं बदल पाया। कभी रसूख तो कभी राजनैतिक दबाव के कारण बटामा नहर का बडोरा क्षेत्र में अस्तित्व खत्म हो गया। अब जिस क्षेत्र में बटामा नहर दिखाई दे रही है, उस पर भी धीरे-धीरे भूमाफिया कालोनी बनाने के नाम खत्म करने में जुट गए हैं। इस संबंध में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को उनके मोबाइल 7692970993 पर कई बार काल किया, लेकिन व्यवस्तता के कारण वे मोबाइल रिसीव नहीं कर पाए।

इनका कहना…

इस बारे में मुझे जानकारी नहीं मिली है। क्षेत्र के पटवारी से चर्चा कर कुछ बता पाऊंगा।

राजीव रंजन कहार, एसडीएम बैतूल।

जिस जगह खेत का सौदा कर नहर पर कब्जा करने बात आ रही है, यह मामला अभी तक संज्ञान में नहीं आया है। इस तरह की कोई अनुमति मेरे क्षेत्र में नहीं ली गई है।

राजिक अली पटवारी, बैतूल सर्किल-2

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Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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