Betul Ki Khabar: भारतीय कालोनी की 20 हजार स्क्वेयर फीट जमीन की रिजस्ट्री होगी शून्य!
Betul Ki Khabar: Registry of 20 thousand square feet land of Bharatiya Colony will be zero!

कलेक्टर के निर्देश के बाद अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट की तैयार, प्लाट खरीदने वाले लोगों की बढ़ेगी मुसीबत
Betul Ki Khabar: बैतूल। कालोनाइजरों के लोक लुभावन जाल में फंसे लोगों के लिए यह राहत भरी खबर है कि कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी की सख्ती के बाद उन्हें भविष्य में न्याय मिल पाएगा। आकाशवाणी के ठीक बाजू में कॉलोनाइजर द्वारा ग्रीन लैंड के लिए छोड़ी गई 20 हजार स्क्वेयर फीट जगह प्लाट बनाकर बेच दिए जाने की शिकायत के बाद कलेक्टर ने जब अफसरों से इसकी जांच कराई तो कालोनी में रहने वाले लोगों की शिकायत सच साबित हुई। अब अफसरों ने स्टेटस रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर के समक्ष पेश किए जाने की तैयारी कर ली है। संभावना जताई जा रही है कि ग्रीन लेंड की भूमि पर कॉलोनाइजर ने जितने भी प्लाट बेचे हैं, उन सभी की रजिस्ट्री शून्य हो सकती है। कालोनी के लोगों ने पूर्व में कलेक्टर को की शिकायत में बताया था कि कालोनी डेवलपमेंट के लिए बनाई गई बनाई गई योजना के तहत 20 हजार स्क्वेयर फीट इस जमीन पर पार्क का निर्माण किया जाना था, लेकिन इस जमीन के प्लाट भी लोगों को बेच दिए गए थे।
छह विक्रेताओं को बेच दी ग्रीन लैंड की जमीन
कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से शिकायत होने के बाद उन्होंने इस मामले को काफी गम्भीरता से लेकर अफसरों को जांच करने के लिए मौके पर जाने के निर्देश दिए थे। अफसरों ने मौका निरीक्षण के दौरान बारीकी से निरीक्षण कर बकायदा नजूल दस्तावेजों की जांच की। स्टेटस रिपोर्ट में अफसरों ने बताया है कि नजूल बैतूल के शीट नम्बर 13 प्लाट नम्बर 8/1एवं 8/3 में स्वीकृत लेआउट अनुसार कालोनी में पट्टाधारक नूरजहॉ बेगम वेवा शेख शेण्डो, शेख अफजल , शेख रसीद, शेख रज्जाक, शेख अजीम, शेख सादिक शेख यूसुफ व शेख शेण्डो निवासी गोठाना एवं शेख, सईंद, शेख आरिफ शेख अख्तर, शेख इरफान कमसन निशा, अफरोज पिता शेख गुलाब, शेख हुसैन, शेख कादर व शेख रब्बू, आमना खातून, शहारा बेगम, खुर्शीद बानो, कमरून निशा , जकीला बानों, मुस्तजा बानों वल्द शेख रब्बू एवं इनके मुख्तयारगृहिता द्वारा पृथक-पृथक भूखण्ड विक्रय की गई हैं।
कालोनी मे मुख्य सड़क का निर्माण किया गया है एवं सडक तथा नालियों का कार्य आंशिक रूप से किया है। विद्युत व्यवस्था भी की गई है। ग्रीन लेण्ड की भूमि स्वीकृत लेआउट अनुसार छोडी गई है। जिसे पटटाधारकों के द्वारा प्लाट बनाकर छह व्यक्तियों को भू खण्ड विक्रय किया गया है। जिनमें से तीन क्रेताओं में (1) पूर्णिमा पति अनिल मगरकर, (2) डिकेश पिता किशोरी साहू. (3) अनिता पति गोकुल प्रसाद विंझाडे के क्रय भूखण्ड के नामांतरण प्र.क 46 अ-6 वर्ष 2016-17 आ.दि. 31.09.2017, प्र.क्र. 102 अ-6 वर्ष 2016-17 आ.दि. 20.04.2017. प्र.क्र. 101 अ 6 वर्ष 2016-17 आ.दि. 20.04.2017 के अनुसार खसरा अभिलेख में प्लाट क्रमांक 8/84 रकवा 1000 वफु, प्लाट क्र. 8/72 रकबा 1000 व.फु एव 8/73 रकबा 1000 वर्ग फुट, भूमि पर नाम दर्ज है। इनमें से डिंकेश व किशोरी साहू एव अनिता बिंझाड़े के द्वारा अपने भूखण्ड पर मकान का निर्माण कर लिया गया है।
इनके द्वारा भूखण्ड का संपरिवर्तन किये जाने हेतु आवेदन पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था जिसपर नजूल न्यायालय बैतूल के राप.क्र. 2 एवं 3 अ-20 (4) वर्ष 2024-25 आ.दि. 06. 05.2024 के अनुसार भूमि स्वीकृत अभिन्यास में ग्रीन लैण्ड की भूमि होने के कारण भूमिस्वामी अधिकार में संपरिवर्तन किया जाना उचित नहीं होने से प्रकरण नस्तीबद्ध किये जाने हेतु अपर कलेक्टर बैतूल की और प्रेषित किया गया है। इसी प्रकार अनिल पिता गोकुल प्रसाद मगरकर के द्वारा ग्रीन लेण्ड की भूमि प्लाट न. 8/3 में 1000व.$फु. भूमि क्रय कर न्यायालय में नामान्तरण किये जाने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिस पर नजूल न्यायालय के राप्र.क्र. 186 अ-6 वर्ष 2023-24 दिनांक 06.05.2024 के अनुसार क्रय की गई भूमि स्वीकृत ले आउट में ग्रीन लेण्ड की होने के कारण यह नामांतरण अस्वीकार किया गया है।
यह मामला भी था जांच में
इसके अतिरिक्त ग्रीन लैण्ड की भूमि पट्टा धारकों द्वारा क्रेता शकुन पति जगदीश हजारे एव शिवकली पति प्रहलाद वोबड़े को विक्रय की गई है, जिनके नामान्तरण हेतु न्यायालय में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया गया था, जिस पर न्यायालय के प्रकरण क्रमांक 57 एवं 58 अ-6 वर्ष 2019-20 आदि 25.09.2019 के अनुसार ओपन लैण्ड की भूमि क्रय करने के कारण नामांतरण निरस्त किया गया। अब अफसरों द्वारा बनाई गई इस स्टेटस रिपोर्ट पर यदि प्रभावी कार्यवाही होती है तो कॉलोनाइजर का नपना भी तय माना जा रहा है।
रजिस्ट्री शून्य हुई तो लाखों रुपए बहेंगे पानी में
इस पूरे मामले में शिकायत के आधार पर प्रशासन ने लोगों को राहत प्रदान की है और अन्य कालोनी वासियों के मन मे भी उम्मीद की किरण जागी है, लेकिन भारतीय कालोनी में अपने जीवन भर की कमाई खर्च कर प्लाट लेने वाले उन परिवारों की मुसीबत बढ़ जाएगी, जिन्हें धोखे में रखकर ग्रीन लैंड की भूमि पर प्लाट बेच दिए हैं, क्योंकि प्रशासन ने समय समय पर निष्पक्ष कार्यवाही करते हुए इन प्लाटों के नामांतरण आदि की कार्यवाहियां भी निरस्त की हैं। बताया जा रहा है कि अब प्रशासन यदि ग्रीन लैंड की यह भूमि मुक्त करवाता है तो इसके पहले इन सभी खरीददारों द्वारा खरीदे प्लाटों की रजिस्ट्री शून्य करवाना पड़ सकता है। ऐसे में सभी छह खरीद दारों को अपनी जमीन और अपने मकान से हाथ धोना पड़ेगा।