Betul News: कलेक्टर के अटैचमेंट के आदेश हवा में, भीमपुर में 12 वर्ष से अटैच एमपीडब्ल्यू
Betul News: Collector's attachment orders are in the air, MPW attached to Bhimpur for 12 years

विधायक भी अटैचमेंट से नाराज, सीएमएचओ भी नहीं दे रहे ध्यान
Betul News: बैतूल। जिले में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी भले ही जिले की प्रशासनिक व्यवस्था चाक चौबंद रखे जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हो, लेकिन विभागीय प्रमुख कलेक्टर के निर्देशों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकालने में बाज नहीं आ रहे। सभी विभागों में अटैचमेंट समाप्त करने के कलेक्टर ने सख्त निर्देश दे रखे हैं। भीमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पिछले 12 वर्ष से एक एमपीडब्ल्यू बलदेव बरडे अंगद की पांव की तरह जमे हुए हैं।
इनकी मूल पदस्थापना सिमोरी सोनाझार में है, लेकिन इनका अटैचमेंट समाप्त ना करने के पीछे अधीकारियों की मंशा शायद कुछ और ही है। सूत्रों के मुताबिक उक्त एमपीडब्ल्यू भीमपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अपना काम छोड़कर साहब गिरी में लगे हुए हैं। जानकार बताते हैं कि इनका काम सिर्फ सामुदायिक केंद्र पर पदस्थ अन्य कर्मचारियों पर नजर रखने का ही है।
कौन कहां जा रहा है, क्या कर रहा है, कितना काम कर रहा है, इसके अलावा इनका कोई काम नहीं है। इस अवधि में 4 ब्लॉक खंड चिकित्सा अधिकारी बदल गए पर बर्डे आज भी यही बने हुए है। लगातार 12 वर्ष से एक ही जगह जमे इस एमपीडब्ल्यू को मूल पदस्थापना पर ना भेजा जाना अब अधीकारियों की मंशा पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
कई कर्मचारियों के अटैचमेंट खत्म, लेकिन बर्डे को अभयदान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिमौरी सोनाझार की मूल पदस्थापना होने के बाद भी यह एमपीडब्ल्यू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भीमपुर में पिछले 12 वर्ष से बिना आदेश के जमे हुए हैं। जबकि हाल ही में 6 महिला स्वास्थ्य कर्मचारी को हटाने की कार्यवाही की जा चुकी है। परंतु बलदेव बर्डे को लगातार अभयदान दिया जाना साफ दर्शा रहा है कि अन्य कर्मचारी भेदभाव का शिकार हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि भीमपुर ब्लाक के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में अटैचमेंट का खेल खेला जा रहा है। चाहे वह महतपुर उप स्वास्थ्य केन्द्र से एम पी डब्ल्यू, हों या फिर आदर्श धनोरा से एम पी डब्ल्यू आज भी कई कर्मचारी अटैच को लेकर चाँदी काट रहे हैं। जबकि नियम सभी कर्मचारियों के लिए एक समान होना चाहिए।
विधायक के निर्देश भी रद्दी की टोकरी में
बताया जा रहा है कि भैसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान द्वारा भीमपुर ब्लाक के समस्त स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के अटेचमेंट समाप्त करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी से पत्राचार किया गया है बावजूद इसके क्षेत्रीय विधायक के निर्देशों को अधिकारी हवा में उड़ा रहे हैं। महकमे में आज भी कई कर्मचारियों को अटैच कर रखा गया है।
अटैचमेंट के खेल में किसका लाभ, किसकी हानि
सूत्र बताते हैं कि भीमपुर ब्लाक में अटैचमेंट के पीछे तगड़ा खेल खेला जा रहा है। अब इसमें किसका हित जुड़ा है और किसे नुकसान झेलना पड़ रहा है यह जांच का विषय है। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को इसे गम्भीरता से लेना होगा। बताया जा रहा है कि भीमपुर ब्लाक में पूर्व में पदस्थ रहे बीएमओ डॉ संदीप धुर्वे द्वारा उन 6 कर्मचारी जो भीमपुर ब्लॉक से बाहर थे उनके लिए राजनैतिक रूप से काफी हो हल्ला मचाया गया था।
जबकि भैंसदेही विधायक ने इन कर्मचारियों की वापसी के लिए जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कर्मचारियों की वापसी के लिए निवेदन किया था । परंतु बावजूद इसके उक्त अधिकारी ने क्षेत्रीय विधायक की बात को गंभीरता से नही लिया। आखिर कार मुख्यमंत्री के एक कार्यक्रम में विधायक को भीमपुर ब्लॉक में खेले जा रहे अटैचमेंट का मुद्दा उठाना पड़ा था तब कही अधिकारी एक्शन में आ पाए थे ।
विधायक गम्भीर, अधिकारी ले रहे हल्के में
इस मामले को लेकर जहां विधायक क्षेत्रीय समस्या और प्रशासनिक जमावट को लेकर गम्भीर हैं तो वही मौजूदा हालातों में अधिकारी उनके निर्देशों को हल्के में लेते नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि भंैसदेही विधायक महेंद्र सिंह चौहान क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक अपनी बात रखने में कोई कसर नहीं छोड़ते चाहे वह भवईपुर की सड़क की समस्या को या चिचोली भीमपुर सड़क मार्ग हो, या फिर भीमपुर आदिवासी अंचल की स्वास्थ्य व्यवस्था हो।
मुख्यमंत्री से 100 बिस्तर का हॉस्पिटल स्वीकृति कराना हो । वे पिछले 20 सालों से क्षेत्र की जनता का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। अपनी बात सरकार में दमदारी से रखने का हौसला भी रखते है, लेकिन विडम्बना है कि जिला प्रशासन और जिला चिकित्सा अधिकारी को भीमपुर ब्लॉक की स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए 4 माह से निर्देशित किया जा रहा है और अधिकारी हैं कि स्वहित साधने के चक्कर में मनमानी पर उतारू नजर आ रहे हैं। प्रदेश में भाजपा की सरकार है, जिले में भाजपा के पांच विधायक हैं इसे दृष्टिगत रखते हुए आखिर अधीकारियों को अपना रवैय्या सुधारने की जरूरत हैं।
इनका कहना…
इस संबंध में विधायक का पत्र मिलने पर संबंधित एमपीडब्ल्यू का अटैचमेंट खत्म कर दिया है। इसके बावजूद वे उसी जगह है तो सोमवार वर्किंग डे में यह मामला दिखवाया जाएगा।
डॉ रविकांत उइके, सीएमएचओ बैतूल