व्यवस्थाएं बनाने में नाकाम हुए सीएमएचओ

कलेक्टर के आदेश भी हवा में, अनुभव होने के बावजूद काम बेतरतीब

बैतूल। इसे बैतूल की बदकिस्मती ही कहा जाए कि यहां पर पदस्थ होने वाले सीएमएचओ किसी ने किसी कारण सुर्खियों में रहते हैं, जबकि स्वास्थ्य महकमे को अलर्ट मोड पर रहना पड़ता है। वर्तमान सीएमएचओ डॉ रविकांत उइके की बात करें तो वे भी स्वास्थ्य सेवाएं माकुल करने में कामयाब नहीं हो सके।

इसका उदाहरण कल भी देखने को मिल चुका है, जब जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान लापरवाही दिखने पर कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने सिविल सर्जन के साथ सीएमएचओ की भी क्लास ले डाली। यह पहला मौका नहीं है जब सीएमएचओ को फटकार मिली है। स्वास्थ्य सेवाएं दुरुस्त नहीं रखने पर कई मर्तबा वे टीएल में भी कलेक्टर की नाराजगी का शिकार बन चुके हैं, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं आया।

सूत्र बताते हैं कि जिले के कई स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाएं चरमराई हुई है। अभी तबादला का दौर शुरू नहीं हुआ है और सीएमएचओ के अधीनस्थ कार्यालय में जमे हुए कई पुराने कर्मचारी फील्डिंग करने लगे हैं। हमेशा विवादित कर्मचारियों से घिरे सीएमएचओ में खुद किसी मामले में निर्णय लेने की क्षमता ही नहीं है। इसका एक और उदाहरण पिछले दिनों भीमपुर ब्लाक में भी उल्टी-दस्त की बीमारी से तीन लोगों की मौत के बाद मचा हड़कंप को देखकर लगाया जा सकता है।

पूर्व में क्षेत्र के विधायक महेंद्र सिंह चौहान भीमपुर में स्वास्थ्य सेवाओं और कर्मचारियों की व्यवस्थाएं बनाने के लिए सीएमएचओ को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उनके पत्र को भी हल्के में लिया। जब उल्टी-दस्त से ब्लाक में तीन लोगों की मौत हुई तो आनन फानन में लापरवाही बरतने वाले भीमपुर के आधा दर्जन कर्मचारियों को इधर से उधर करना पड़ा। यदि विधायक के पत्र पर पहले ही सीएमएचओ संज्ञान लेते तो शायद इस तरह की नौबत नहीं आती, लेकिन अनुभवी होने के बावजूद अस्पताल में पुरानी तिकड़ी से घिरे सीएमएचओ अब खुद विवादित कर्मचारियों के साथ विवादों में घिरते जा रहे हैं।

शिकायतों पर नहीं हो रही कार्रवाई

जानकार सूत्रों ने बताया कि कई निजी अस्पताल, निजी पैथालाजी लैब, झोलाछाप डाक्टरों समेत कई विभागीय शिकायत सीएमएचओ के पास पहुंच रही है, लेकिन इन पर जरा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जब मामला मीडिया में सुर्खियां बनते हैं तब सीएमएचओ फील्डिंग कर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करते हैं। सूत्रों के मुताबिक उनके कार्यालय में मौजूद कुछ कर्मचारियों के कहने पर पूरे काम होने से कई विभागीय जांच भी प्रभावित होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। जानकार सूत्रों ने बताया कि उनकी इसी लापरवाही के कारण कई बार शिकायत हो चुकी है, लेकिन उनकी कार्यप्रणाली में कोई सुधार नहीं हो पाया है। स्थिति तो यह है कि उन्हें कई मामलों की जानकारी ही नहीं होती है। मीडिया को भी जानकारी देखकर बताने की बात कहते आ रहे हैं।

इनका कहना ….
कल अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मैंने सीएमएचओ और सिविल सर्जन को व्यवस्थाएं सुधारने की हिदायत दी है। सीएमएचओ को लेकर अन्य शिकायतें भी मिली है। इसे दिखवाया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, कलेक्टर बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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