Betul News: जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज को पीपीपी मोड पर देने की तैयारी शुरू
Betul News: Preparations started to give district hospital and medical college on PPP mode.

चिरायु मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर का सूक्ष्म निरीक्षण, तलाशी संभावनाएं
Betul News: बैतूल। जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का संचालन पीपीपी मोड पर करने के संबंध में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। चिरायु मेडिकल कॉलेज भोपाल के डायरेक्टर और उनकी टीम ने बुधवार को जिला अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्था देखी। व्यवस्था देखने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि वे पीपीपी मोड के लिए तैयार है या नहीं।
प्रदेश की सरकार ने जिला अस्पताल बैतूल और मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर संचालित करने की घोषणा की है। सरकार की घोषणा के बाद इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जल्द ही पीपीपी मोड और मेडिकल संचालित करने के लिए टेंडर डाले जाएंगे। टेंडर के बाद ही तय होगा कि पीपीपी मोड पर अस्पताल और मेडिकल कालेज का संचालन कौन करेगा। टेंडर डालने के पहले बड़े-बड़े मेडिकल कालेज और अस्पतालों के संचालकों द्वारा निरीक्षण कर अस्पताल की व्यवस्था देखी जा रही है।
बुधवार को चिरायु मेडिकल कालेज भोपाल के डायरेक्टर डॉ अजय गोयनका और मैनेजिंग डायरेक्टर सलीम खान ने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमएचओ रविकांत उइके, सिविल सर्जन डॉ अशोक बारंगा भी मौजूद रहे। टीम ने सबसे पहले अस्पताल में अलग-अलग वार्डों का निरीक्षण कर व्यवस्था देखने के साथ-साथ डॉक्टरों से उपचार संबंधी जानकारी ली। स्थानीय अधिकारियों ने संपूर्ण वार्ड के संबंध में बारिकी से जानकारी दी। मुख्य अस्पताल के अलावा टीम ने ट्रामा सेंटर और मदर वार्ड का भी निरीक्षण किया। यहां पर भी उपचार संबंधी व्यवस्थाओं को देखा।
इसके बाद एसएनसीयू वार्ड का भी निरीक्षण किया। यहां छोटे बच्चों को भर्ती किया जाता है। इस वार्ड में किस तरह से व्यवस्था है, इन व्यवस्थाओं को भी देखा और जानकारी ली। एक्सरे रूम और सरकारी क्वार्टर का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखा।
मेडिकल कालेज की जमीन का भी निरीक्षण किया
बैतूल जिले में बनने वाले मेडिकल कालेज के लिए कोसमी में जमीन को चिन्हित किया गया है। यहां मेडिकल कालेज का निर्माण किया जाएगा। मेडिकल कालेज भी पीपीपी मोड पर संचालित होगा। चिरायु मेडिकल कालेज की टीम ने कोसमी पहुंचकर मेडिकल कालेज की जमीन का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को देखा। निरीक्षण करने आई टीम ने अधिकारियों से मेडिकल कालेज की जमीन के संबंध में जानकारी ली। निरीक्षण के बाद संपूर्ण जानकारी की रिपोर्ट बनाकर तैयार करेंगे।
चिरायु मेडिकल कालेज प्रबंधन को व्यवस्था बेहतर मिलती है तो पीपीपी मोड के लिए वे टेंडर डाल सकते हैं। अभी तो निजी मेडिकल कालेज और अस्पताल के संचालकों का दौरा शुरू हुआ है। आगे भी अन्य मेडिकल कालेज और अस्पतालों के डायरेक्टर अस्पताल का निरीक्षण कर सकते हैं।
जल्द हो सकती है टेंडर प्रक्रिया
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल को पीपीपी मोड पर संचालन को लेकर टेंडर प्रक्रिया जल्द हो सकती है। टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के पहले निजी मेडिकल कालेजों और बड़े अस्पतालों के डायरेक्टर को व्यवस्था देखने का मौका दिया गया है, जिसके बाद वे निरीक्षण करने पहुंच रहे हैं। निरीक्षण के बाद सरकार की तरफ से टेंडर डाले जाएंगे।
टेंडर डालने के बाद जो भी टेंडर में सलेक्ट होंगे, उनके हाथों में जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज की कमान सौंपी जाएगी। संभवत: अगले माह टेंडर प्रक्रिया हो सकती है। इसमें टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्पष्ट हो जाएगा कि पीपीपी मोड पर किसे जिम्मेदारी दी जाएगी।
क्या होगा बदलाव, स्पष्ट नहीं
पीपीपी मोड पर जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज को पीपीपी मोड पर सौंपने की तैयारी तो शुरू हो गई है, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसमें सुविधाएं क्या मिलेगी और किन सुविधाओं में लोगों को चार्ज देना पड़ेगा। यह अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।
कुछ लोग मानते हैं कि पीपीपी मोड पर जिला अस्पताल और मेडिकल कालेज संचालित होने से उपचार करवाने आने वाले मरीजों को निजी अस्पतालों की तरह बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं। पीपीपी मोड पर अस्पताल का संचालन करने से नुकसान या परेशानी का कारण भी बता रहे हैं। नियम सामने आने के बाद ही सबकुछ शीशे की तरह साफ हो जाएगा।