Betul Samachar: बडोरा ब्रिज पर पीडब्ल्यूडी की बेशकीमती जमीन पर अतिक्रमण का साया
Betul News: Encroachment looms over PWD's valuable land at Badora Bridge

कई रसूखदारों ने करोड़ों की कीमती जमीन पर किया कब्जा, किराए पर चल रही दुकानें-गुमठियां
Betul Samachar: बैतूल। शहर भर में जगह-जगह उग आए अतिक्रमण से सबसे ज्यादा आम आदमी परेशान है। जिसके मन में जहां आ रहा, वहीं गुमठी खड़ी कर अतिक्रमण कर रहे हैं। इस सबके बीच चौकाने वाली बात यह है कि शहर में गुमठी माफिया भी पूरी ताकत के साथ सक्रिय हैं। कई जगहों पर स्थित सरकारी जमीन पर पहले कब्जा किया गया उसके बाद गुमठियां रखवाकर अब बकायदा किराया भी वसूला जा रहा है। बडोरा ब्रिज के पास पीडब्ल्यूडी की बेशकीमती जमीन रसूखदारों का कब्जा वर्षों से चला आ रहा है और विभाग चैन की नींद सो रहा है। अब विभाग चैन की नींद सो रहा है। इसके पीछे अधिकारियों का कौन सा हित छिपा हुआ है, यह तो वे ही जाने, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि सरकारी जमीन पर कब्जा कर हजारों के वारे -न्यारे किए जा रहे हैं।
दर्जनों गुमठियों में चल रहा व्यवसाय, हजारों रुपए किराया फिक्स
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बडोरा ब्रिज के ठीक बाजू में स्थित जमीन सरकारी रिकार्ड में पीडब्ल्यूडी के नाम पर दर्ज है। कार्यालय के नाम पर यहां छोटा सा कच्चा भवन मौजूद है, लेकिन सड़क से लगी हुई जमीन पर माचना पुल तक दर्जनों गुमठियां लगी हुई हैं। इनमें फल फ्रूट, सैलून, मेकेनिक होटल आदि संचालित की जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि यह सभी गुमठियां किराए से चल रही हैं। प्रत्येक गुमठी का किराया साइज के हिसाब से 1 हजार से लेकर 2 हजार तक फिक्स है।
एक ही लाइन में करीब 15 से 20 गुमठियां लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि क्षेत्र का ही रहने वाले एक रसूखदार नेता इस पूरे कारनामे को अंजाम दे रहे हैं। पहले कब्जा किया उसके बाद गुमठियां लगवाकर किराया वसूला जा रहा है। पीडब्ल्यूडी की जमीन का निजी हित मे सरेआम उपयोग हो रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने अतिक्रमण हटाने में न ही पहले रुचि दिखाई और न ही उन्हें होश है। ऐसे में इस सरकारी जमीन पर अब पक्के अतिक्रमण होने का खतरा भी मंडरा रहा है।
मुरम डालकर जमीन की जा रही समतल
सूत्र बताते हैं कि हाल ही में इस जमीन पर एक रेडियेटर रिपेयर की दुकान लगवाई गई है, लेकिन काम के हिसाब से जगह अब छोटी पड़ने लगी है। जगह बड़ी करने के लिए जब दुकान संचालक ने रसूखदार नेता से सम्पर्क किया तो नेताजी ने अपने ही डंपर से मुरम लाकर यहां डाल दी है। अब मुरम डालकर जमीन समतल करने की तैयारी की जा रही है। ताकि रेडियेटर की दुकान का साइज बड़ा कर दिया जाए और किराया बढ़ा दिया जाए। आंखों के सामने तथाकथित और स्वंयभू नेता ने पहले और अब मुरम डालकर जमीन समतल कर ली, लेकिन लोक निर्माण विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने पूछने की जरूरत महसूस नहीं करी की आखिर उनके स्वामित्व वाली भूमि का समतलीकरण कैसे हो रहा है। यही वजह है कि माफियाओं ने जमीन पर समतलीकरण कर अपने कब्जे में लेकर किराया वसूलना शुरू कर दिया है।
इनका कहना…..
अभी मैं बाहर हूं। इस संबंध में बाद में बात करती हूं।
प्रीति पटेल, ईई पीडब्ल्यूडी बैतूल
यदि किसी ने हमारा आधिपत्य वाली जमीन पर कब्जा किया है तो इसे दिखवाएंगे। अतिक्रमण करने वालों को हटाने के लिए अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।
अखिलेश कवड़े, उपयंत्री (पूर्व पीडब्ल्यूडी बैतूल )