Betul News: हैंडओवर की प्रक्रिया में उलझी अस्पताल की धर्मशाला
Betul News: Hospital's Dharamshala entangled in handover process

84 लाख की लागत से सांसद निधि से हुआ निर्माण
Betul News: बैतूल। जिला चिकित्सालय परिसर में लाखों की लागत से मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के रूकने के लिए धर्मशाला का निर्माण किया है। निर्माण कार्य तो पूरा हो चुका लेकिन हैंडओवर की प्रक्रिया उलझी होने के कारण धर्मशाला का शुभारंभ नहीं हो सका है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि पीआईयू विभाग की तरफ से हैंडओवर की प्रक्रिया होगी। पीआईयू के अधिकारियों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। दोनों विभागों के तालमेल के आभाव के कारण हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल परिसर में लगभग 84 लाख की लागत से धर्मशाला का निर्माण किया गया है। इस धर्मशाला में अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ आए परिजनों को ठहरने की व्यवस्था की जाएगी।
धर्मशाला का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। धर्मशाला में लगभग 60 से 70 बेड की व्यवस्था बनाई जाएगी। मरीज के साथ आए परिजन इस धर्मशाला में ठहर सकेंगे। उल्लखनीय है कि परिजनों को ठहरने की व्यवस्था नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता था, जिसे देखते हुए धर्मशाला का निर्माण किया गया है। धर्मशाला तो बनकर तैयार हो गई है अब हैंडओवर की प्रक्रिया पूरी होने पर इसका संचालन किया जा सकता है। हैंडओवर की प्रक्रिया में पीआईयू विभाग के कार्यपालन यंत्री जेएस बारस्कर का कहना है कि हमारी तरफ से भवन हैंडओवर के लिए हम तैयार है अस्पताल प्रशासन भवन लेने के लिए आना-कानी कर रहा है। इधर सिविल सर्जन डॉ. जगदीश घोरे का कहना है कि पीआईयू की तरफ से अभी हमें भवन हैंडओवर नहीं किया है। दोनों विभागों में यह प्रक्रिया अधर में उलझी है।
कौन करेगा संचालन अभी तय नहीं
धर्मशाला का संचालन कौन करेगा अभी यह तय नहीं हो सका है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल प्रशासन के पास में पर्याप्त स्टाप नहीं है कि अस्पताल प्रशासन धर्मशाला को संचालित कर सके। अस्पताल प्रशासन ने इस संबंध में जानकारी कलेक्टर के सामने भी रखी है। कम स्टॉफ में धर्मशाला का संचालन करना अस्पताल प्रशासन को भारी पड़ सकता है। सूत्र बताते है कि धर्मशाला संचालन की जिम्मेदारी किसी दूसरी संस्था को भी दी जा सकती है। हालाकि इसका फैसला कलेक्टर के साथ होने वाली बैठक में किया जा सकता है। धर्मशाला संचालन के लिए अस्पताल प्रशासन की तरफ से बेड की व्यवस्था की जाएगी। अस्पताल प्रशासन के सामने धर्मशाला संचालन के लिए सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की कमी है।
इनका कहना
पीआईयू की तरफ से धर्मशाला भवन को हमे हैंडओवर नहीं किया है। हैंडओवर होने के बाद संचालन को लेकर कलेक्टर के साथ विचार विमर्श करेंगे।
डॉ. जगदीश घोरे
सिविल सर्जन, जिला अस्पताल बैतूल
हम धर्मशाला भवन को हैंडओवर करने के लिए तैयार है। अस्पताल प्रशासन के पास धर्मशाला संचालन की व्यवस्था नहीं होने के कारण हैंडओवर नहीं ले रहे है।
जेएस बारस्कर
ईई, पीआईयू, बैतूल