Betul Samachar: बरसाली में अधिग्रहण के बाद भी नहीं बनी सड़क
Betul Samachar: Road not built even after acquisition in Barsali

पीडब्ल्यूडी के खिलाफ गलत स्थान पर सड़क बनाने का आरोप
सड़क निर्माण के नाम पर करोड़ों की गोलमाल की आशंका
Betul Samachar: बैतूल। ग्राम बरसाली में लोक निर्माण विभाग द्वारा सड़क निर्माण को लेकर गड़बड़ियों की परतें खुल रही हैं। यहां पिछले 20 वर्षों से अधूरी पड़ी सड़क अब भी सही अलाइनमेंट और नक्शे के अनुसार नहीं बनाई जा रही है, जबकि इस पर शासन द्वारा पहले ही भूमि अधिग्रहण कर मुआवजा दिया जा चुका है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि विभाग के अधिकारी जानबूझकर अलाइनमेंट और एक्सीडेंटल पॉइंट का बहाना बनाकर लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये की राशि बचाने में जुटे हैं।
गौरतलब है कि बरसाली ग्राम के समीप बैतूल-आमला मार्ग पर स्थित यह सड़क वर्ष 2004 से अधूरी है। यहां न तो नई सड़क बनाई गई और न ही पुराने पुल का नवीनीकरण हुआ। विभाग द्वारा 20 साल पुराने जर्जर पुल पर लीपापोती करने की साजिश की जा रही है। जबकि ग्रामीणों की मांग है कि पहले से अधिग्रहित भूमि पर सही जगह पर पुल और सड़क निर्माण कराया जाए।
भारतीय सेना के हवलदार चंद्रप्रकाश यादव ने इस पूरे मामले को लेकर वर्षों से विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कई बार संबंधित विभाग और अधिकारियों को पत्र लिखे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। अब ग्राम बरसाली के ही नरेंद्र यादव और भोजराज यादव ने इस मामले को लेकर कलेक्टर से शिकायत की है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक निर्माण विभाग गलत स्थान पर सड़क बना रहा है, जबकि राजस्व विभाग ने पहले ही इस क्षेत्र का सीमांकन कर दिया था।
नक्शे और खसरे के अनुसार जिस भूमि पर सड़क का निर्माण होना है, वह 20 साल पहले ही सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है और उसके लिए ग्रामीणों को मुआवजा भी प्रदान किया गया है। इसके बावजूद सड़क निर्माण कार्य दूसरी जगह किया जा रहा है। इससे करोड़ों की लागत बर्बाद हो रही है, क्षेत्रवासियों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह पूरा मामला जानबूझकर राशि बचाने की कोशिश लग रहा है। अगर इस मामले में आरटीआई के तहत जानकारी प्राप्त की जाए, तो स्पष्ट हो जाएगा कि किस स्तर पर अधिकारियों द्वारा गड़बड़ी की जा रही है और कितनी राशि को खर्च करने से बचाया जा रहा है। इसके पहले भी कई बार मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारी जानबूझकर इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं और जनता को गुमराह किया जा रहा है। लोगों ने मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और सही जगह पर सड़क व पुल निर्माण कराया जाए, ताकि वर्षों से हो रही परेशानी का अंत हो सके।