Betul Samachar: राजेन्द्र वार्ड शराब दुकान मामले में दो सरकारी विभाग आमने-सामने
Betul News: Two government departments face to face in Rajendra Ward liquor shop case

परियोजना अधिकारी ने आबकारी को लिखा पत्र, आबकारी के निर्देशों को ठेकेदार दिखा रहा ठेंगा
Betul Samachar: बैतूल। शराब दुकानों के ठेके सिंडिकेट के हाथों पहुंचते ही मनमानी का खेल भी शुरू हो चुका है। नियमों की धज्जियां उड़ाते राजेन्द्र वार्ड में आंगनबाड़ी के समीप शराब दुकान खोल दी गई है। क्षेत्रवासियों ने मंगलवार जनसुनवाई में इसकी शिकायत भी की, लेकिन पूरा सप्ताह बीतने के बावजूद शराब दुकान दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने की कार्यवाही नहीं की गई है। अब महिला बाल विकास विभाग परियोजना अधिकारी ने बच्चों और महिलाओं का हवाला देते हुए जिला आबकारी अधिकारी को पत्र लिखकर तत्काल दुकान हटाए जाने की गुहार लगाई है, तो आबकारी के निर्देशों को भी ठेकेदार ठेंगा दिखाने से बाज नहीं आ रहे।
बच्चों और महिलाओं पर पड़ेगा प्रभाव
दरअसल राजेन्द्र वार्ड आंगनबाड़ी क्रमांक 2 के पास शराब दुकान खोलने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने परियोजना अधिकारी और वार्डवासियों ने जन सुनवाई में कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी को आवेदन दिया था। मामले की संवेदनशीलता को देखते परियोजना अधिकारी शहरी क्षेत्र ने तत्काल संज्ञान लेकर जिला आबकारी अधिकारी को भी सूचित किया है। पत्र में उल्लेखित है कि आंगनबाड़ी केंद्र के बहुत ही समीप शराब दुकान खोली गई है। केंद्र में बहुतायत बच्चों को जहां प्राथमिक शिक्षा दी जाती है तो शासकीय योजनाओं के तहत महिलाओं को भी समय समय पर सेवाएं दी जाती हैं।
केंद्र के पास ही शराब दुकान होने से हितग्राहियों को आने जाने में परेशानियों का अनुभव होगा और इसका विपरीत प्रभाव भी पड़ेगा। शराब दुकान आंगनबाड़ी के पास से हटाकर अन्यत्र दूसरे स्थान पर लगाए जाने की कार्यवाही की जाए। खुद वार्डवासियों का भी कहना है कि, आंगनबाड़ी में गर्भवती महिलाओं का भी आना जाना लगा रहता है। वार्ड में शराब दुकान के संचालन से बच्चों सहित महिलाओं और यहां रहने वाले परिवारों पर बुरा असर पड़ेगा। जो भी है, लेकिन इस मामले में अब महिला बाल विकास विभाग और आबकारी दोनों आमने सामने आ गए हैं।
आबकारी अधिकारी के निर्देशों को हवा में उड़ा रहा ठेकेदार
नियम के मुताबिक शराब दुकान का संचालन स्कूल, कालेज, मंदिर, आंगनबाड़ी के समीप नहीं किया जा सकता, लेकिन ठेकेदार मनमानी पर उतारू नजर आ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार परियोजना अधिकारी के पत्र को जिला आबकारी ने गंभीरता से लेते हुए ठेकेदार को दुकान किसी दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किए जाने के लिए निर्देशित किया था, लेकिन ठेकेदार आबकारी अधिकारी के निर्देशों को भी हवा में उड़ा रहे हैं। इधर जानकारी मिली है कि, एक सप्ताह बाद भी दुकान न हटाए जाने को लेकर वार्ड वासियों के आक्रोश भी चरम पर पहुंच रहा है। लोग सड़क पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
इनका कहना…
परियोजना अधिकारी के पत्र पर संज्ञान लेते हुए ठेकेदार को दुकान हटाए जाने के लिए निर्देश दिए गए हैं। यदि दुकान नहीं हटाई गई तो पुन: रिमाइंड कराया जाएगा।
अंशुमान सिंह चढ़ार, जिला आबकारी अधिकारी बैतूल