Betul Ki Khabar: दिखावे के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र !
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हाई रिस्क बताकर प्रसूता को किया रैफर, रास्ते मे हुई नॉर्मल डिलेवरी
Betul Ki Khabar: बैतूल। कुछ ही दिनो पूर्व सांझवीर टाईम्स ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से प्रसूताओं को जिला अस्पताल रैफर किये जाने पर खबर प्रकाशित कर सवाल खड़े किए थे। यह व्यवस्था आज भी जस की तस ही बनी हुई है। ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आठनेर में सामने आया है। यहां से एक प्रसूता को हाई रिस्क केस बताकर जिला अस्पताल भेज दिया, लेकिन रास्ते मे ही प्रसूता को बिना किसी तकलीफ के नॉर्मल डिलेवरी हो गई।
जिला अस्पताल में जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, लेकिन सामुदायिक केंद्रों की गैर जिम्मेदार कार्यप्रणाली उजागर हो गई है। इसी लापरवाही के चलते बड़ी संख्या में प्रसूताएं रैफर हो रही हैं, पर स्वास्थ्य महकमे के बड़े अधिकरियों ने कभी इस विषय को गम्भीरता से नहीं लिया, जबकि हम पूरे आंकड़ों के साथ यह खबर पहले ही उजागर कर चुके है और अब इस मामले ने लापरवाही की पूरी स्थिति ही साफ कर दी है।
हाई रिस्क केस का बनाया बहाना औऱ कर दिया रैफर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक आठनेर ब्लाक के ग्राम ठानी में रहने वाले साहेबराव पाटनकर की पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू होने पर परिजन रात 3 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आठनेर लेकर पहुंचे थे। यहां डॉक्टर की गैर मौजूदगी में स्टॉफ नर्स ने प्रसूता का नॉर्मल चेकअप किया और पूर्व में हुए प्रसव को लेकर पूछताछ की।
परिजनों ने जब पहला प्रसव ऑपरेशन से होना बताया तो नर्स ने एक झटके में इसे हाई रिस्क केस बताकर परिजनों को जिला अस्पताल चलता कर दिया। घबराए परिजन प्रसूता को लेकर संजीवनी 108 से जिला अस्पताल आ ही रहे थे कि कोलगांव के पास रास्ते मे ही प्रसूता को नॉर्मल डिलेवरी हो गई। प्रसूता ने स्वस्थ बालक को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों ही जिला अस्पताल में पूर्ण स्वस्थ बताए जा रहे हैं।
सैकड़ो की संख्या में जिला अस्पताल रेफर हो रही प्रसूताएं
क्रिटिकल केस बताकर जिले के सभी ब्लाकों से प्रसूताओं को बड़ी संख्या में जिला अस्पताल रैफर किया जा रहा है। इसके बावजूद अधिकारियों ने कभी यह जानने का प्रयास नहीं किया कि प्रसूताओं को आखिर जिला अस्पताल की दौड़ क्यों लगानी पड़ रही है। इस केस में भी कुछ यही हुआ है। यदि प्रसूता को गम्भीरता से लिया जाता तो जैसे रास्ते मे उसे बिना किसी तकलीफ के नार्मल डिलेवरी हो गई , वैसे ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी हो सकती थी, लेकिन अस्पताल स्टाफ ने प्रसूता को जिला अस्पताल का रास्ता दिखाकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
इनका कहना…..
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुधार के पूरे प्रयास शुरू किए गए हैं। जिस तरह से प्रसूता को नॉर्मल डिलेवरी हुई है, स्टाफ से जवाब मांगा जाएगा, रैफर क्यों किया गया।
डॉ राजेश परिहार, सीएमएचओ बैतूल