Betul Ki Khabar: 13 करोड़ के गबन के आरोपी के निवास पर नोटिस चस्पा
Betul Ki Khabar: Notice pasted at the residence of the accused of embezzlement of 13 crores

अब एक पक्षीय कार्रवाई की संभावना, कलेक्टर के अगले आदेश पर टिकी सबकी नजर
Betul Ki Khabar: बैतूल। चिचोली जनपद में 13 करोड़ की अनियमित्ता के मुख्य आरोपी ब्लाक समन्वयक राजेंद्र सिंह परिहार पर किसी भी समय कार्रवाई की तलवार लटक सकती है। दरअसल कलेक्टर के निर्देश पर बैतूल में शिवाजी वार्ड में आकाशवाणी के पीछे उनके निजी आवास पर 26 मार्च को सूचना चस्पा कर एक सप्ताह में अपने बयान दर्ज करने के निर्देश दिए थे। उन्हें 1 अप्रैल को कलेक्टर ने अपने समक्ष सुनवाई के लिए बुलाया था, लेकिन तीन दिन अधिक बीतने के बाद वे उपस्थित नहीं हो सके। अब उन पर एक पक्षीय कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
सूत्र बताते हैं कि 13 करोड़ के गबन के मुख्य आरोपी चिचोली जनपद में पदस्थ ब्लाक समन्वयक राजेंद्र सिंह परिहार और कंप्यूटर आपरेटर सुमित सोनी और सुरकेश समेत अन्य पर घोटाले में एफआईआर हो चुकी है। इसके बाद से ही सभी फरार चल रहे हैं। इस मामले में जिला पंचायत की जांच के बाद अन्य जांच होने की संभावना भी जताई जा रही है। हालांकि कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने एफआईआर होने के बाद ब्लाक समन्वयक परिहार को सुनवाई का एक मौका देते हुए एक अप्रैल को अपने कार्यालय में बयान देने के लिए बुलाया था। इसके लिए उनके शिवाजी वार्ड स्थित आवास के बाहर कर्मचारियों ने नोटिस भी चस्पा किया। हालांकि वे समय पर अपना बयान देने उपस्थित नहीं हो पाए।
निलंबन होने की संभावना
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में मुख्य आरोपी राजेंद्र सिंह परिहार पर एक पक्षीय कार्रवाई के अलावा निलंबन की गाज भी गिर सकती है। वैसे सूत्रों ने बताया कि परिहार को एक और अवसर प्रदान किया जा सकता है। शासकीय नियम के अनुसार अंतिम नोटिस जारी कर एक बार और कलेक्टर के यहां उपस्थित होने का मौका दिया जा सकता है। वैसे कहा जा रहा है कि कलेक्टर के अलावा जिपं सीईओ द्वारा भी परिहार के अलावा कंप्यूटर आपरेटरों के खिलाफ जांच चल रही है। दोनों ही जगह से प्रक्रिया की पूर्ति के लिए पहली बार नोटिस जारी करने के बाद अनुपस्थित रहने पर दूसरी बार एक और नोटिस देकर उन्हें बुलाया जा सकता है।
इनका कहना….
नोटिस देकर उपस्थित होने की रूटिन प्रक्रिया है। यदि एक बार नोटिस के बाद उपस्थित नहीं होते हैं तो एक और मौका दिया जाएगा। इसके बाद एक पक्षीय कार्रवाई की जा सकती है।
अक्षत जैन, जिपं सीईओ बैतूल