Betul Ki Khabar: निष्पक्ष जांच हो तो बड़े-छोटे अधिकारी भी होंगे बेनकाब
Betul Ki Khabar: If there is a fair investigation, even big and small officials will be exposed

चिचोली-भीमपुर में स्वच्छ भारत मिशन का घोटाला पूरे प्रदेश में फैलने की संभावना जनप्रतिनिधि और शीर्ष अधिकारियों की चुप्पी पर सवाल
Betul Ki Khabar: बैतूल। स्वच्छ भारत मिशन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पनाओं को अधिकारियों ने अपने फायदें के लिए कामधेनु आय बनाकर रख दिया है। इसका उदाहरण चिचोली- भीमपुर जनपद पंचायत में बगैर कोई काम किए 13 करोड़ से अधिक का भुगतान होने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद हुआ है। कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ ने भले ही मामले में सक्रियता दिखाते हुए जांचकर ब्लाक समन्वयक समेत फर्मों पर भी एफआईआर के आदेश दे दिए, लेकिन शासन से आवंटित राशि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले जनपद सीईओ को क्लीन चीट देने से सवाल उठ रहे हैं। खबर तो यह भी है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी इस मामले में की निष्पक्ष जांच करें तो यह मामला बैतूल से निकालकर पूरे प्रदेश में जांच का विषय बन सकता है। ऐसे में प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन की मैदानी हकीकत भी सामने आ जाएगी।
जानकार सूत्र बताते हैं कि चिचोली-भीमपुर में पिछले लंबे समय से स्वच्छ भारत मिशन के मद में करोड़ों रुपए की हेरफेर होते रही। यह तो शुक्र है कि पिछले दिनों किसी अज्ञात व्यक्ति ने कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और जिला पंचायत सीईओ को मामले में शिकायत की तो वे रंगपंचमी के एक दिन पहले दोपहर से देर शाम तक चिचोली और भीमपुर जनपद में कई फाइलों को खंगालते रहे। जब उन्होंने वास्तविकता देखी तो पैरों तले जमीन खिसक गई।
अगले ही दिन उन्होंने मामले की जांच करवाई और इसके ठीक बाद जिला पंचायत की एसएओ इंदिरा महतो से करवाने के बाद उन्हीं से चिचोली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाकर ब्लाक समन्वयक राजेंद्र सिंह परिहार, कंप्यूटर आपरेटर समेत फर्मों पर एफआईआर करवा दी। हालांकि जांच रिपोर्ट की वास्तविकता सामने नहीं आई है, लेकिन चिचोली-भीमपुर जनपद में लंबे समय से सीईओ अभिषेक वर्मा की देखरेख में इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद भी उन्हें क्लीनचिट देने पर सवाल खड़े हो गए। इसी वजह आरोप लग रहे हैं कि बड़े कर्मचारियों को बचाने के छोटों को मोहरा बना दिया गया। शनिवार को जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागद्रे ने भी करोड़ों के घोटाले में अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाते मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मामला उठा तो कई चेहरे होंगे बेनकाब
इधर जानकार सूत्र बताते हैं कि चिचोली-भीमपुर से शुरू हुए इस फर्जीवाड़े की आंच जिले की जनपदों के अलावा प्रदेश की अन्य जनपदों में भी आ सकती है। खबर है कि विपक्षी पार्टी कांग्रेस इस मामले को लेकर आंदोलन करने की तैयारी कर रही है। आगामी विधानसभा सत्र में भी यह मामला जोर शोर से उठाया जा सकता है। इसके लिए कांग्रेस के कुछ विधायक तक शिकायत पहुंचने की खबर है। सूत्र बताते हैं कि चिचोली-भीमपुर में 13 करोड़ से अधिक के घोटाले में छोटे अधिकारी और कर्मचारियों पर एफआईआर हुई है, लेकिन बड़ों को बचाने के चक्कर में वरिष्ठ अधिकारी भी संदेह के दायरे में आ खड़े हुए हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि जिले के शीर्ष जनप्रतिनिधियों की इस मामले में चुप्पी भी कई सवालों को जन्म दे रही है। यदि मामले में निष्पक्ष जांच हो तो न चिचोली- भीमपुर जनपद बल्कि बैतूल जिले की अन्य 8 जनपदों में भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं। यदि दायरा बड़ा तो प्रदेश की अन्य जनपदों में जांच हो तो वस्तुस्थिति सामने आ जाएगी।
यह सवाल कर रहे जिम्मेदारों को कटघरे में
जानकार सूत्र बताते हैं कि कुछ चुबते हुए सवाल इस मामले में चिचोली-भीमपुर जनपद के जिम्मेदारों की लापरवाही की ओर इशारा कर रहे हैं। सवाल किए जा रहे हैं कि दोनों जनपदों में करोड़ रुपए की राशि कैसे आवंटित कर मद में डाल दी गई? नवंबर 2021 से मार्च 2025 तक कितनी राशि शासन से आवंटित की गई? इन वर्षों में शासन द्वारा आवंटित राशि का पत्र चिचोली-भीमपुर सूचनार्थ भेजा गया? सीईओ ने आवंटित राशि की समीक्षा की या नहीं? सीईओ ने रिकार्ड का संधारण किया और फिर इस तरह का हेरफेर सवाल क्यों नहीं उठाया? आवंटित राशि के एवज में शासन को आय-व्यय की जानकारी प्रेषित की? राशि आवंटित की गई तो केस बुक में रिकार्ड क्यों नहीं लिखा गया, इसकी रिपोर्ट शासन को क्यों नहीं भेजी।
आडिट में सारे तथ्यों को दरकिनार का फाइलों को किसने दबाया? यह तमाम सवाल जनपद पंचायत सीईओ की लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है। यदि चिचोली और भीमपुर में इतनी बड़ी राशि आवंटित हुई तो प्रदेश की अन्य जनपदों में भी बड़े घोटाले से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस संबंध में कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को उनके मोबाइल 7692970993 और जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन को उनके मोबाइल 9706675545 पर पक्ष जानने के लिए काल किया, लेकिन रिसीव नहीं हुआ।