आयुष्मान भारत योजना को अस्पताल लगा रहे पलीता

कई बीमारियों के इलाज में हीलाहवाली, प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में जनप्रतिनिधियों ने भी उठाया संवेदनशील मामला

बैतूल। जिले में आयुष्मान भारत योजना के तहत कई निजी अस्पताल कार्डधारियों का इलाज तो कर रहे हैं, लेकिन कौन सी बीमारियों के लिए अधिकृत है। यह बात स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं पता है। आयुष्मान कार्ड लेकर कई हितग्राही निजी अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें संबंधित बीमारी का बाहना बताकर वापस लौटाया जा रहा है। यह सिलसिला पिछले कई दिनों से चला आ रहा है। बताया जा रहा है कि मामले की शिकायत जिले जनप्रतिनिधि और कलेक्टर तक भी पहुंची है। पिछले दिनों प्रभारी मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल की मौजूदगी में यह मामला उठाया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग पड़ताल करने का दावा कर रहा है।

बताया जाता है कि जिले में इस समय लगभग 8 से अधिक निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के लिए राज्य शासन द्वारा चिन्हित किए गए हैं। इनमें जिला मुख्यालय पर ही लगभग 4 निजी अस्पतालों को आयुष्मान भारत योजना में इलाज के लिए शामिल किया गया है। शासन द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार आयुष्मान कार्ड ले जाने पर संबंधितों का इलाज 5 लाख रुपए तक मुफ्त किया जाना है, लेकिन स्थिति यह है कि बैतूल समेत जिले के अन्य स्थानों पर अधिकृत किए गए निजी अस्पताल इलाज के बहाने हीलाहवाली कर रहे हैं।

नियमों की जानकारी नहीं है चस्पा

जिले के निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के नाम गरीबों के साथ लूट मची हुई है। दरअसल इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत कितनी बीमारियों का इलाज किया जा रहा है, इसकी जानकारी चस्पा नहीं की गई। इतना जरूर है कि कुछ अस्पतालों ने जानकारी जरूर चस्पा की है, लेकिन सूची ऐसे जगह रखी गई है, जो मरीजों और उनके परिजनों को दिखाई नहीं दे रही है। इसके पीछे कारण क्या है, अस्पताल संचालकों से ज्यादा अच्छा कोई नहीं जान सकता है।

निजी अस्पतालों में इलाज करने पहुंच रहे लोगों को कई सामान्य बीमारियों का इलाज नहीं होने का बहाना बताकर रवाना कर दिया जा रहा है। अस्पताल संचालकों का इसके पीछे तर्क है कि इन बीमारियों को आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहीं किया गया है। इसके चलते वे दूसरे निजी या उसी अस्पतालों में पैसे देकर इलाज कराने को मजबूर है।

नींद से जागा स्वास्थ्य विभाग कर रहा पड़ताल

पिछले दिनों प्रभारी मंत्री पटेल की मौजूदगी में बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल को मिली शिकायत के बाद भारत आयुष्मान योजना का मामला उठा था। उन्होंने प्रभारी मंत्री को बताया था कि योजना में कौन-कौन से अस्पताल अधिकृत है और इन अस्पतालों मेें किन-किन बीमारियों का इलाज होता है, लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने से मरीज परेशान होते हैं। उन्होंने इसे ऑनलाइन किए जाने का सुझाव दिया था। इस पर सीएमएचओ ने आयुष्मान भारत योजना के लिए अधिकृत अस्पतालों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा, लेकिन कितने अस्पताल संचालकों ने जवाब दिए। यह जानकारी अब तक सामने नहीं आ सकी है। आज की तारीख तक आयुष्मान योजना में निजी अस्पतालों में बीमारियों की सूची चस्पा नहीं की गई है और गरीब लोग लूट रहे हैं।

पूर्व सैनिकों को भी इलाज के लिए 200 किमी का करना पड़ रहा सफर तय

इस दौरान जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने भी बैतूल विधायक का समर्थन करते हुए बताया था कि जिले के 3 हजार पूर्व सैनिकों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण है कि जिले का कोई भी निजी अस्पताल ईसीएचएस एम्पेनलमेंट करवाने को तैयार नहीं है। पूर्व सैनिकों को स्पेस्लिस्ट चिकित्सा के लिए 200 किमी भोपाल या नागपुर जाना पड़ता है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने बताया कि कई पूर्व सैनिक को समय पर इलाज नहीं मिलने से दम तोड़ देते हैं। प्रभारी मंत्री ने इस संबंध में राज्य शासन के समक्ष यह मामला रखने का आश्वासन दिया है।

इनका कहना….
प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में यह मामला सामने आने के बाद हमने नोटिस जारी किए हैं। कितने अस्पतालों का जवाब है, यह देखकर ही बता पाऊंगा।
डॉ रविकांत उइके, सीएमएचओ बैतूल

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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