Betul Samachar: विवाद सामने आने के बाद भाजपा के कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द
Betul Samachar: Appointment of many BJP divisional presidents canceled after controversy surfaced

अब बैतूल जिले में टिकी संगठन की निगाहें, यहां भी दो मंडल अध्यक्ष नियमों का नहीं कर रहे पालन
Betul Samachar: बैतूल। विश्व के सबसे बड़े संगठन का दावा करने वाली भाजपा में नियुक्ति को लेकर विवाद थमते दिखाई नहीं दे रहा। बकायदा चुनाव अधिकारी नियुक्त कर संगठन महापर्व में पारदर्शिता बरतने के बहुत प्रयास किए। इसके बावजूद बैतूल समेत प्रदेश के कई जिलों में नियम विरूद्ध नियुक्ति पर बवाल मच गया। खबर है कि प्रदेश संगठन के निर्देश पर संबंधित जिला संगठनों ने कई मंडल अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त कर दी है। अब तक खरगौन, टीकमगढ़, राजगढ़ जिले से कई मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति रद्द कर दी है। अब बैतूल जिले के उम्रदराज भीमपुर और एफआईआर दर्ज होने के बाद शाहपुर की मंडल अध्यक्ष की भी नियुक्ति रद्द होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा में संगठन महापर्व के लिए जिले के लिए इंदौर के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता को चुनाव अधिकारी बनाया था। वरिष्ठ पदाधिकारी होने के कारण उम्मीद की जा रही थी कि गुप्ता के नेतृत्व में जिले के 30 मंडलों में निर्विवाद चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। दरअसल, अब तक जिले के 30 में से 23 मंडल अध्यक्षों में से कुछ मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर बवाल खड़ा हो गया है। सांझवीर टाईम्स ने इस मामले की तह तक जाने की कोशिश की है, तब स्थिति स्पष्ट हुई है कि शाहपुर की मंडल अध्यक्ष नीतू गुप्ता अपने ऊपर दर्ज तीन आपराधिक प्रकरणों को छिपा बैठी।
इस बात की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी सुदर्शन गुप्ता को भी नहीं हुई। सह प्रभारी बसंत माकोड़े भी इस बात से अनभिज्ञ है कि शाहपुर मंडल अध्यक्ष पर तीन मामले दर्ज है। वे भी हतप्रभ है कि ऐसा कैसे हुआ? पहले मंडल अध्यक्ष पर एक मामला दर्ज होने की जानकारी सामने आई थी, लेकिन बाद में आरटीआई के तहत निकाली जानकारी पर यकीन करें तो उन पर 3 मामले दर्ज है। उन पर एक मामला छत्तीसगढ़ में भी होने की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जिन पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज है, उन्हें मंडल अध्यक्ष नहीं बनाया जा सकता, लेकिन भाजपा ने यहां चूक कर कार्यकर्ताओं को असंतुष्ट होने का मौका दे दिया।
अधिक उम्र के विवाद में घिरे भीमपुर मंडल अध्यक्ष, कार्रवाई की संभावना
इधर जानकार सूत्र ने बताया कि भीमपुर मंडल अध्यक्ष अनिल उइके की नियुक्ति दूसरी बार भी विवादों में घिर गई है। पिछली बार जब उन्हें मंडल अध्यक्ष बनाया गया था, तब 40 का क्राइटेरिया होने के बावजूद 42-43 की उम्र में जवाबदारी सौंप दी थी। अब 45 वर्ष का क्राइटेरिया हुआ तो उन्हें 48 की उम्र में फिर मंडल अध्यक्ष बना दिया गया है। नियम से जब 45 वर्ष की उम्र तय की गई थी तो इसी उम्र के पदाधिकारी को नियुक्ति देना था, लेकिन भाजपा ने यह चूक कर दी। उनकी नियुक्ति पर क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा हुआ है। दूसरे जिलों में अधिक उम्र के मंडल अध्यक्षों को पद से हटाया जा रहा है। ऐसे में भीमपुर मंडल अध्यक्ष उइके पर भी तलवार लटक रही है।
इनका कहना…
इस मामले में जिला प्रभारी सुदर्शन गुप्ता को अवगत कराया जा रहा है। यदि कोई पदाधिकारी मामले में लिखित शिकायत करता है तो प्रदेश संगठन तक पहुंचाई जाएगी।
बसंत माकोड़े,
सह जिला निर्वाचन अधिकारी, भाजपा बैतूल