Betul Air Ambulance: एक मरीज को एयर एंबुलेंस कर लूटी वाहवाही, अब सड़क मार्ग से भेज रहे भोपाल
Betul Air Ambulance: Got applause by providing air ambulance to a patient, now sending him by road to Bhopal

पीएमश्री एयर एंबुलेंस की बैतूल में हवा निकली, गंभीर मरीजों के परिजनों को नहीं मिल रहा लाभ
Betul Air Ambulance: बैतूल। जिला अस्पताल से गंभीर मरीजों को तत्काल उपचार मुहैया कराए जाने पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत हुई। एक मरीज को ले जाने के बाद यहां एयर एंबुलेंस सेवा ठंडे बस्ते में की गई है। अब पूर्व की तरह गंभीर मरीजों को एंबुलेंस की सहायता से सड़क मार्ग होते हुए भोपाल ले जाना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि एयर एंबुलेंस सेवा के लिए जिला अस्पताल से एक-दो बार कॉल किया गया, लेकिन मेंटनेंस के कारण हेलीकॉप्टर बैतूल नहीं पहुंच पाया।
अगस्त में बैतूल में एयर एंबुलेंस की शुरुआत हुई। बैतूल से पहला मरीज एयर एंबुलेंस से भोपाल उपचार के लिए रैफर किया था। जिस समय इस सेवा की शुरुआत हुई, ऐसा लग रहा था कि गंभीर मरीजों को अब भोपाल उपचार करवाने पहुंचने के लिए अधिक समय नहीं लगेगा। एयर एंबुलेंस सेवा के माध्यम से सिर्फ 45 मिनट में मरीज को बैतूल से भोपाल ले जाने में समय लगता है। इसी तरह सड़क मार्ग से जाने में मरीज को 3-4 घंटे तक का समय लग जाता। एक बार मरीज को एयरलिफ्ट करने के बाद से ही एयर एंबुलेंस की सेवा ठंडे बस्ते में चली गई। अगस्त से अब तक दूसरी बार किसी भी मरीज को एयर एंबुलेंस सेवा का लाभ नहीं मिला। जबकि कई गंभीर मरीजों को भोपाल रैफर करना पड़ा है।
मेंटनेंस के कारण कॉल पर नहीं आई एयर एंबुलेंस
जानकारी के मुताबिक अगस्त में पहली बार मरीज को एयर एंबुलेंस से भोपाल भेजने के बाद दो मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस को कॉल किया था, लेकिन एयर एंबुलेंस बैतूल नहीं पहुंच सकीं। कॉल करने पर अधिकारी मेंटनेंस चलने का हवाला देकर एयर एंबुलेंस भेजने से इनकार करते रहे। जिस तरह लोगों को लग रहा था कि एयर एंबुलेंस सेवा से गंभीर मरीज जल्द भोपाल पहुंचेगा और उपचार भी मिलेगा, लेकिन यह सेवा अब लोगों की उम्मीदों पर खरी उतरती नहीं दिख रही है। एक बार मरीज को एयर लिफ्ट कर केवल दिखावा कर दिया।
इनका कहना…
पहले मरीज को ले जाने के बाद दोबारा एयर एंबुलेंस के लिए कॉल किया था, लेकिन मेंटेनेंस के कारण एयर एंबुलेंस बैतूल नहीं पहुंच पाई थीं। जिला अस्पताल से एयर एंबुलेंस की सहायता से मरीज को भोपाल भेजने फिर प्रयास करेंगे।
डॉ.रूपेश पदमाकर, आरएमओ, जिला अस्पताल बैतूल