Administrative Corner: प्रशासनिक कोना: सोलर की रोशनी से किस विभाग के अधिकारी हो गए रोशन?? आखिर किसने खोला बड़े साहब के खिलाफ मोर्चा???? कौनसे थानेदार साहब का पुराने थाने से नहीं छूट रहा मोह???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम प्रशासनिक कोना में……..

Administrative Corner: Administrative Corner: Officials of which department got illuminated by solar light??

सोलर की रोशनी से रोशन अधिकारी

हरे-भरे विभाग में करोड़ों रुपए के सोलर सिस्टम रोशन होने में अभी काफी समय है, लेकिन इसके पहले ही सोलर सिस्टम ने उन अधिकारियों को जरूर रोशन कर दिया जिनकी भूमिका करोड़ों रूपयों की इस योजना से जुड़ी हुई है। वाक्या है महज 4 दिन पहले यानी शुक्रवार का, जहां हरे भरे विभागों के अलग- अलग केम्पस में दिन भर हरे भरे नोटों की रोशनी में चकाचौबंध नजर आए। चर्चा है कि एक अधिकारी के खासमखास चैतराम उर्फ चैतू की चतुराई इस कदर काम आई कि एक ही झटके में ठेकेदारों का काम आसान कर दिया, जबकि हरी भरी रोशनी भी ठिकानों तक पहुंचा दी गई।

चर्चाओं के मुताबिक पूरा मामला सोलर एनर्जी से जुड़े हुए ठेकों का है, जिसके हाल ही में अलग -अलग टेंडर हुए हैं। सप्लाई के पूर्व शुक्रवार को सोलर से जुड़े ठेकेदारों को तलब किया गया था। ठेकेदार आए भी और साथ में वजन भी लेकर आये। ठेकेदारों के पहुंचते ही चैतू को सक्रिय कर दिया गया। क्योंकि मामला सम्वेदन शील होने के साथ-साथ इस बात का भी डर था कि कहीं इस पर कहीं किसी मीडियाकर्मी की नजर ना पड़ जाए। इसके लिए केम्पस में पूरी चौकसी चाक चौबंद कर दी गई।

केम्पस में हर आने जाने वाले पर कड़ी नजर रखी जाने लगी। ठेकेदारों और अधिकारियों कि बैठक तो कराई गई, लेकिन इस दौरान धुकधुकी बनी रही। चर्चा है कि बैठक के बाद लोगों ने चैतू को बैग उठाकर साहब लोगों की गाड़ी में भी रखते देखा। इनमें भोपाल और इंदौर के ठेकेदार शामिल थे, तो स्थानीय एक ठेकेदार भी हाथ में बैग लिए दिन भर ऑफिस और केम्पस में घूमता रहा कि उसकी भी कहीं कोई गोटी फीट हो जाए, लेकिन स्थानीय के ठेकेदार को फटकने तक का मौका नहीं मिला। कुल मिलाकर हरे-भरे विभाग में सोलर कब तक रोशन होंगे या नहीं होंगे यह तो पता नहीं,लेकिन अधिकारियों की जेब जरूर रोशन होंगे।

आखिर किसने खोला बड़े साहब के खिलाफ मोर्चा?

राजस्व विभाग से जुड़े एक सीनियर और जूनियर अधिकारी में इन दिनों दो-दो हाथ होने की होड़ लगी है। मामला जूनियर को ईमानदारी से काम करने के बावजूद लूपलाइन में डालने से जुड़ा है। यह अधिकारी लूपलाइन में आमद न देने के लिए अपने बड़े संपर्कों का भी उपयोग कर चुके है। अब पक्की खबर है कि उन्होंने अपनी ईमानदारी से किए काम के बावजूद अपने से वरिष्ठ साहब द्वारा उल्टे-सीधे काम करवाने की शिकायत पीएस और कमिश्रर से कर दी है। इस चि_ी में उन्होंने बताया कि साहब उनसे उल्टे-सीधे काम करवाना चाहते थे, इसलिए यहां से हटाया गया।

पूर्व में जहां उनकी पदस्थापना थी, वहां पर भी बेवजह सार्वजनिक रूप से फटकारा गया। इस समय छोटे साहब की बड़े साहब के खिलाफ लिखी चिट्टी का मामला राजस्व से जुड़े विभागों में खूब सुर्खियां बटोर रहा है। इसके परिणाम क्या होंगे, यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन दो अफसरों के बीच तनातनी से कामकाज जरूर प्रभावित हो रहा है।

पुरानी जगह से नहीं छूट रहा थानेदार का मोह

एक थानेदार का पिछले दिनों लगभग 40 किमी दूर मलाईदार थाने में तबादला हुआ है। यहां जाने के लिए थानेदारों को जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की खूब मान मनोव्वल करना पड़ता है, लेकिन इन साहब को आसानी से इतना बड़ा थाना मिल गया। इसके बावजूद वे अपने पुराने थाने के कुछ मामलों में टांग अड़ा रहे हैं। चर्चा है कि वे पास के ही थाने से आए साहब को फेल करने के लिए जमकर रूचि ले रहे हैं। अपने पुराने खूफिया तंत्रों से नए साहब के कारनामों को लीक करवाने की खूब चर्चा है, जबकि दोनों थानेदारों में पहले खूब पटरी बैठती थी, लेकिन वर्तमान थानेदार को पुराने थानेदार द्वारा नीचा दिखाने से अब उनके बीच में पहले जैसे तालमेल नहीं रहा। बताते चले कि यह वही थानेदार है, जिनके क्षेत्र में सट्टा-जुआ और तलवारबाजी जैसी घटनाएं हुई हैं।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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