Betul Ki Khabar: जनजातीय कार्य विभाग में अटैचमेंट के खेल से बच्चों की पढ़ाई चौपट
Betul Ki Khabar: Children's education ruined due to game of attachment in Tribal Affairs Department

कलेक्टर के निर्देशों को हवा में उड़ाया, मनचाही जगह शिक्षकों की पदस्थापना
Betul Ki Khabar: बैतूल। कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी के स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी विभाग में कर्मचारी का अटैचमेंट ना किया जाएं। जो कर्मचारी जिस मूल पदस्थापना पर पदस्थ है, उस कर्मचारी की पदस्थापना भी वहीं होनी चाहिए, लेकिन जनजातीय कार्य विभाग में अटैचमेंट का बड़ा खेल सामने आया है। घोड़ाडोंगरी ब्लॉक में पदस्थ चार शिक्षक ऐसे हैं, जो पिछले लंबे समय से अन्य शालाओं में अटैच कर रखे गए है। हद तो तब हो गई, जब विधानसभा, लोकसभा चुनाव के समय एक शिक्षक का अटैचमेंट जनजातीय कार्य विभाग में किया गया था, लेकिन इस शिक्षक को आज तक मूल पदस्थापना स्थल पर नहीं भेजा जा सका है।
इसका असर यह देखने को मिल रहा है कि मूल पदस्थापना के स्कूलों में जहां बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं अन्य शिक्षकों को भी इन शिक्षकों के कर्तव्यों का निर्वहन करना पड़ रहा है। पूरे मामले को लेकर जहां ब्लॉक शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त से चर्चा करने की बात कर रहे है, वहीं सहायक आयुक्त शिल्पा जैन है कि अपना पक्ष रखने के लिए पत्रकारों के फोन ही उठाना मुनासिब नहीं समझ रहीं।
महिला शिक्षक सहित तीन शिक्षक अटैच
घोड़ाडोंगरी ब्लॉक के चार ग्रामों की प्राथमिक शालाओं में पदस्थ एक महिला शिक्षक सहित तीन शिक्षकों को पिछले लंबे समय से अन्य शालाओं में अटैच कर रखा गया है। इनमें प्राथमिक शाला मरकाढाना में पदस्थ शिक्षक विश्वनाथ पाल को माध्यमिक शाला लखीपुर, प्रवीण आर्य को प्राथमिक शाला रैनीपाटी से सहायक आयुक्त कार्यालय अटैच कर रखा गया है।
बताया जा रहा है कि प्रवीण आर्य को विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव सामग्री वितरण को लेकर सहायक आयुक्त कार्यालय में अटैच किया गया था और इनकी अस्थाई ड्यूटी लगाई गई थीं, लेकिन चुनाव संपन्न होने को काफी समय बीत जाने के बाद भी प्रवीण आर्य को आज तक सहायक आयुक्त कार्यालय से मूल पदस्थापना स्थल रैनीपाटी नहीं भेजा गया है। इसके अलावा प्राथमिक शाला झोली-1 में पदस्थ शिक्षिका वंदना हारोड़े को भी माध्यमिक शाला बरेलीपार में अटैच कर रखा गया है तथा प्राथमिक शाला चिकलपाटी में पदस्थ शिक्षक विजय मंडल भी माध्यमिक शाला कुंडीखेड़ा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
अब इन शिक्षकों को मूल पदस्थापना पर ना भेजते हुए दूसरी जगह अटैचमेंट पर रखे जाने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या है, यह तो अधिकारी ही जानें, लेकिन अटैचमेंट के इस खेल में उन बच्चों की पढ़ाई जरूर प्रभावित हो रही है, जिन स्कूलों में यह शिक्षक मूल रूप से पदस्थ किए गए है। हालत यह है कि इन स्कूलों में पदस्थ अन्य शिक्षकों को भी इन्हीं शिक्षकों के कर्तव्य का निर्वहन करना पड़ रहा है। इस गंभीर मामले को लेकर जब ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हाकम सिंह रघुवंशी से पूछा गया तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए इस संबंध में सहायक आयुक्त शिल्पा जैन से ही चर्चा करने की बात कही है।
इनका कहना…
इस संबंध में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। आप सहायक आयुक्त से ही चर्चा करें।
हाकम सिंह रघुवंशी, बीईओ घोड़ाडोंगरी