Betul Ki Khabar: सरकारी दांवों के बावजूद डीएपी का टोटा बरकरार
Betul Ki Khabar: Despite government's bets, DAP's deficit continues

किसानों को बोवनी करने में होगी बढ़ी परेशानी
Betul Ki Khabar: बैतूल। रबी फसल की बोवनी नजदीक आते ही जिले में खाद का संकट देखने को मिल रहा है। खाद नहीं मिलने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। समय पर खाद उपलब्ध नहीं हुआ तो रबी फसल का बोवनी कार्य भी पिछड़ जाएगा। खाद लेने सोसायटी जा रहे किसानों को खाली हाथ वापस लौटना पड़ता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जिले में खाद की किल्लत नहीं है। जहां भी खाद की कमी होने की जानकारी सामने आ रही है, वहां की सोसायटियों में खाद भेजा जा रहा है। जिले में कई किसानों ने खरीफ फसल की कटाई पूरी कर ली हैं।
अब किसान रबी फसल की बोवनी के लिए खेतों की जुताई करने में लगे हैं। खेत बनने के पहले किसानों को खाद-बीज की भी व्यवस्था करनी है, लेकिन सोसायटियों में खाद नहीं होने से किसान परेशान हैं। किसानों का कहना है कि रबी फसल की बोवनी के समय डीएपी खाद का सबसे ज्यादा उपयोग होता है। इसके बाद यूरिया खाद की जरूरत होती है।
जल्द आएगी खाद की एक और रैक
अधिकारियों का कहना है कि पिछले दिनों डीएपी खाद की रैक जिले को उपलब्ध हुई है, जिससे खाद की किल्लत कम हो गई। अब पर्याप्त मात्रा में खाद मौजूद है। जल्द ही इसी महीने एक और खाद की रैक लगने वाली है। जिले को रैक मिलते ही सोसायटियों में खाद भेज दिया है। अधिकारी भले ही खाद की किल्लत नहीं होने का दावा कर रहे, लेकिन हकीकत यह है कि जिले में खाद की कमी बनी हुई है। अधिकारियों ने बताया कि डीएपी खाद की और डिमांड भेजी है। यूरिया और डीएपी खाद की रैक जल्द ही जिले को उपलब्ध हो जाएगी।
डीएपी की जगह थाम रहे दूसरी खाद
कुछ क्षेत्रों के किसानों का यह भी आरोप है कि किसानों को सोसायटियों में डीएपी खाद की जगह दूसरा खाद थमाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि डीएपी की जगह अन्य खाद भी उपयोग कर सकते हैं, फायदा डीएपी खाद की तरह ही मिलेगा, लेकिन किसान चाहते है कि उन्हें डीरएपी खाद ही चाहिए। जानकारी यह भी सामने आई है कि डीएपी खाद की जगह पर कई किसानों को एनपीके खाद दिया गया। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन किसानों को डीएपी खाद नहीं मिल रहा है, वे किसान डीएपी की जगह एनपीके खाद डाल सकते है। बोवनी करते समय पोटाश खाद का उपयोग करना चाहिए। इसमें कई पोषक तत्वा पाए जाते हैं।
चने के बीज का भी बना है टोटा
जानकारी यह भी सामने आ रही है कि जिले में बीज की भी किल्लत बनी हुई हैं। कई किसानों ने चने का बीज सोसायटियों से उपलब्ध नहा होने की बात कही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि वर्तमान 2 हजार क्विंटल चने का बीज उपलब्ध है। किसानों को जररूत के हिसाब से बीज वितरीत किया जाएगा। चने के अलावा गेहूं का भी बीज कृषि विज्ञान केन्द्र और समितियों के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कई किसानों ने फसल कटाई के बाद $खेत बनाकर चने की बोवनी भी शुरु कर दी है। किसानों का कहना है कि अभी खेत में नमी बनी है, चने की बोवनी आसानी से की जा सकती है।
इनका कहना…
कुछ क्षेत्रों में डीएपी खाद नहीं होने की जानकारी सामने आई है। इसके स्थान पर एनपीके खाद किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। देानों में से किसान कोई भी खाद उपोग कर सकते है। हालांकि बहुत अधिक किसी भी खाद की किल्लत नहीं है।
रामवीर सिंह राजपूत, एसडीओ कृषि विभाग बैतूल
हमारे पास खाद की किल्लत होने की अभी कोई सूचना नहीं है, जहां से भी खाद की कमी होने की जानकारी मिलेगी वहां तत्काल खाद भेजा जाएगा। वर्तमान में जिले में पर्याप्त खाद मौजूद है। अभी और खाद की रैक आने वाली है।
प्रदीप गिरेवाल, डीएमओ बैतूल