जल जीवन मिशन में लापरवाही पर ईई सेकवार नपे
सांझवीर टाईम्स की एक और खबर का बड़ा असर, विधायकों और कलेक्टर की नाराजगी के बाद तबादला आदेश जारी

बैतूल। सांझवीर टाईम्स खबरें गढ़ता नहीं, उसे अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचता है। यह बात एक बार फिर साबित हो गई है। पिछले एक पखवाड़े से जिले के ग्रामीण अंचलों में बंद पड़ी नलजल योजना की लापरवाही पर सिलसिलेवार खबरें प्रकाशित करने और इसके तह तक जाने के बाद जिले के जनप्रतिनिधियों और कलेक्टर की नाराजगी खुलकर सामने आई। तमाम प्रयासों के बावजूद पीएचई के ईई अपनी लापरवाही पर पर्दा डालने में नाकामयाब हो गए। अंतत: गुरुवार देर शाम बैतूल पीएचई के प्रभारी ईई आरएल सेकवार को मुख्य अभियंता कार्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया है। उनके स्थान पर मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी परिक्षेत्र भोपाल में पदस्थ सहायक यंत्री सिविल मनोज कुमार बघेल को नया प्रभारी बनाया गया है।
जिले में नलजल योजना की स्थिति क्या है, यह किसी से छिपी नहीं है। पुराने ईई रंजन ठाकुर ने अपने कार्यकाल के दौरान ठेकेदारों की खुलकर मदद की। नतीजा यह हुआ कि अधूरी नलजल योजना का भुगतान समेटकर ठेकेदार गायब हो गए। ग्रामीण शिकायत करते थक गए, लेकिन न तो जिले के किसी जनप्रतिनिधि और न ही अधिकारियों ने मामले में कार्रवाई की।
इसके बाद करीब दो वर्ष पहले तत्कालीन ईई ठाकुर का तबादला हुआ तो बैतूल का प्रभार सहायक यंत्री सिविल आरएल सेकवार को सौंपा गया, लेकिन वे भी नलजल योजना को अमलीजामा पहनाने में नाकामयाब साबित हुए। अपने दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान उनके नेतृत्व में एसडीओ और सब इंजीनियरों ने अधूरी नलजल योजनाओं को शुरू करने के बजाए ठेकेदारों को तवज्जों दी। यही कारण है कि जिले के दर्जनों गांवों में लोगों को पानी तक उपलब्ध नहीं हो पाया। ग्रामीणों की नाराजगी क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के प्रति चुनावों में भी देखने को मिली। चुनाव निपटने के बाद यह मामला पूरी तरह ठंडे बस्ते में चला गया।
सांझवीर ने उठाया मुद्दा तो बैतूल से लेकर भोपाल तक हड़कंप
अपनी तेज तर्रार और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए अलग पहचान बनाने वाले सांध्य दैनिक सांझवीर टाईम्स ने ग्रामीणों की समस्याओं को करीब से जाना और अधूरी पड़ी नलजल योजना को गांव जाकर देखा। इसे अखबार में पिछले एक पखवाड़े से लगातार प्रकाशित कर योजनाओं की हकीकत को धरातल पर रखने का प्रयास किया। सांझवीर की झन्नाटेंदार खबरों का असर यह हुआ कि केंद्रीय मंत्री डीडी समेत पांचों विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में नलजल योजना की लापरवाही की बात मानी।
सांझवीर की खबरों में विधायक हेमंत खंडेलवाल, डॉ योगेश पंडाग्रे, गंगा बाई उइके, चंद्रशेखर देशमुख और महेंद्र सिंह चौहान की बातों को भी रखा गया। विधायकों ने जल जीवन मिशन की बैठकों में योजना की लापरवाही पर अधिकारियों के समक्ष जमकर नाराजगी जताई। कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी भी लापरवाही पर काफी सख्त थे। दूसरी ओर जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष राजा पवार ने सांझवीर टाईम्स की प्रतियां लहराकर जल जीवन मिशन में हुई लापरवाही को उजागर किया तो अधिकारियों को सांप सूंघ गया। इसके बाद इस लापरवाही पर अधिकारियों का नपना तय माना जा रहा था।
ईई के बाद अब अन्य पर भी गिरेंगी गाज!
इधर जानकार सूत्रों ने बताया कि विधायकों की नाराजगी के बाद कलेक्टर ने राज्य शासन को डीओ लिखा था। बुधवार और गुरुवार हेमंत खंडेलवाल ने भी भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और पीएचई मंत्री संपतिया उइके से मिलकर जल जीवन मिशन में हुई लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई थी। विधायक खंडेलवाल की नाराजगी का ही नतीजा है कि गुरुवार देर शाम ईई सेकवार का तबादला आदेश जारी हो गया। सूत्र बताते हैं कि जल जीवन में हुई लापरवाही के मामले में जांच भी की जाएगी। इसमें पुराने और नए अधिकारियों की भी जांच करने की बात सामने आई है। इसके अलावा कई एसडीओ और उपयंत्रियों को भी तबादले या निलंबन की गाज गिरने की संभावना जताई जा रही है।
राज्य शासन के एसीएस अजीत केसरी शुक्रवार को नर्मदापुरम संभाग के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ बैठक लेने के लिए बैतूल आए थे। उन्होंने नर्मदापुरम, बैतूल और हरदा जिले के विधायकों और प्रमुख अधिकारियों की बैठक कलेक्ट्रेट में ली। इस दौरान आमला विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे और मुलताई विधायक चंद्रशेखर देशमुख ने भी उनकी मौजूदगी में जल जीवन मिशन में हुए भ्रष्टाचार और लापरवाही का मुद्दा उठाया। हालांकि दोनों विधायक बैठक में शामिल होने के कारण विस्तार से चर्चा नहंी हो सकी, लेकिन एसीएस ने भी इस मामले में विधायकों की बातों को गंभीरता से लेकर जल जीवन में हुई लापरवाही के मामले की जांच करने के भी निर्देश दिए है। यदि ऐसा हुआ तो पीएचई विभाग के पूर्व और वर्तमान कई अधिकारियों पर कार्रवाई होना तय मानी जा रही है।