Nal-Jal Yojana: भाजपा विधायक के गृह ग्राम में तीन साल में भी पूरी नहीं हुई नलजल योजना
Nal-Jal Yojana: Tap water scheme not completed in BJP MLA's home village even in three years

अधूरी योजना को पूरा बताने की हो रही कोशिश,पानी के लिए खेतों पर आश्रित ग्रामीण
Nal-Jal Yojana: बैतूल। जिले में नलजल योजनाओं पर अप्रत्याशित खर्च किए जाने के बावजूद ग्रामीणों का आज भी प्यासा रह जाना कहीं ना कहीं सिस्टम के मुहं पर करारे तमाचे से कम नजर नहीं आ रहा है। केंद्रीय मंत्री के निर्देश हो या फिर मौजूदा भाजपा विधायक का गृह ग्राम वर्षों से चल रहा नलजल योजना का काम आज भी अधूरा पड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का घर घर स्वच्छ पेय जल पहुंचाने का सपना धरातल पर चकनाचूर हो चुका है। हालात यह हैं कि ग्रामीण आज भी पानी के लिए कुएं, हेंडपम्प और खेतो में खड़े जलस्रोतों पर निर्भर हैं।
विधायक डॉ.योगेश पंडाग्रे के गांव में तीन साल बाद भी योजना अधूरी
भीमपुर और भैसदेही ब्लाक के दर्जनों गांवों में नलजल योजना के हाल पूर्व में प्रकाशित किये जा चुके हैं।वहीं आमला ब्लाक में भी लगभग यही स्थिति देखने को मिल रही है। ब्लॉक में करीब 146 जगहों पर नलजल योजना के काम शुरू किए गए थे, लेकिन कुछ ही गांव ऐसे हैं जहां ग्रामीणों को इसका थोड़ा बहुत लाभ मिल रहा है। ग्राम देवठान, नांदपुर और ससुन्दरा में हालात बेहद खराब हैं। ससुन्दरा तो खुद भाजपा विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे का ग्रह ग्राम है, लेकिन यहां भी नलजल योजना का काम भगवान भरोसे चल रहा है। पानी को लेकर हमेशा परेशान रहने वाली महिलाओं में इसका ज्यादा गुस्सा देखा जा रहा है। ग्राम सरपंच संजय माथनकर ने बताया कि नलजल योजना अधूरी पड़ी हुई हैं।
यही वजह है कि ग्राम पंचायत ने अभी हैंड ओवर नही लिया है, क्योंकि पीएचई और ठेकेदार ने काम ही पूरा नहीं किया है। तीन साल से इसका काम चल रहा है, लेकिन ग्रामवासियों को इसका लाभ कब मिलेगा या मिलेगा की भी नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है, क्योंकि वर्तमान में इस योजना पर ग्राम पंचायत का कोई हस्तक्षेप ही नहीं है। जानकारी मिली है कि अब सुनियोजित तरीके से जलजीवन योजना के अंतर्गत आने वाली इस अधूरी योजना को जल निगम को ट्रांसफर किए जाने के प्रयास अंदर ही अंदर किये जा रहे हैं। नादपुर पंचायत में योजना के तहत 260 नल कनेक्शन दिए गए हैं।
ग्रामीण राहुल बचले एवं कृष्णा नरवरे ने बताया कि गांव में नलजल योजना के तहत बनाई गई पानी की टंकी सहित घटिया काम सिर्फ नजर आ रहे हैं, लेकिन उद्देश्यों की पूर्ति कब होगी किसी को पता नहीं है। देवठान गांव में योजना के तहत पानी की टंकी बने 2 साल से ज्यादा समय हो गया है, परंतु आज भी गांव प्यासा है सरकारी बोर भी किए गए परंतु योजना पूरी तरह फेल हो गई है। ग्राम वासी आज भी 1 किलोमीटर दूर बोर से पानी ला रहे हैं। ग्रामीण महिला आरती वरवड़े बताती हैं कि पानी के लिए सबसे ज्यादा परेशान हम महिलाओ को ही होना पड़ता है। नलों में पानी नहीं आता है तो मजबूर होकर इधर उधर से व्यवस्था करनी पड़ती है। समस्या क्षेत्रीय विधायक को भी बताई गई हैं पर आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई।