राजनीतिक हलचल: काफी हाउस में चाय की चुस्कियों साथ किसकी पक रही खिचड़ी?? कौनसा युवा नेता अब पावर सेंटर बनने की के रहा तैयारी??? एक ही भुगतान दो बार करने पर किन नेताओं में मचा घमासान???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कालम राजनीतिक हलचल में…….

चाय की चुस्कियों पर हो रही चर्चा
जिले की एक तेज तर्रार माननीय के तेवर से अधिकारी खौफजदा है। यह बताने की जरूरत नहीं है कि उन्होंने अपनी अहमियत कम होने पर सीधे भोपाल पावर सेंटर तक शिकायत करी है। दो बड़े विभाग प्रमुखों को उनके घर तक जाना पड़ा। इसके बाद अपने कामों के लिए विभागीय प्रमुखों पर माननीय सीधे नकेल कस रही है।
चर्चा है कि वे जब भी किसी शासकीय या अन्य बैठकों के अलावा निजी कार्यक्रमों में शामिल होने जिला मुख्यालय आती है तो एक प्रसिद्ध काफी हाउस में चाय की चुस्कियों पर कुछ अधिकारियों से चर्चा होना आम बात हो गई है। वे अपने अधीनस्थ स्टाफ को साथ लेकर काफी हाउस में चर्चा करती है। अधिकारी भी उनके द्वारा चाय पर चर्चा में हा में हा मिलाते देखे जा रहे हैं। इससे माननीय अपना रूतबा भी दिखाने का प्रयास कर रही है।
पावर सेंटर बनकर अब हो रही नेतागिरी
बहुसंख्यक समाज के एक युवा नेता इन दिनों एक पार्टी में लाइम लाइट में दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने एक चुनाव के पहले पार्टी बदल ली थी। इसके बाद समाज में उनके अच्छे कद के कारण पार्टी ने हाथों हाथ लिया। पिछले दिनों उन्हें समाज ने भी सम्मानजनक पद से नवाजा गया तो पांचों उंगली घी में दिखाई पड़ रही है। यह नेताजी अब धीरे-धीरे समाज के बड़े पावर सेंटर बनते जा रहे हैं। पार्टी के बड़े नेता भी उन्हें अच्छी तवज्जों देने लगे हैं।
मामला चाहे कालोनाइजर से जुड़ा हो या किसी अन्य बात से। वे खुद अब साथ लेकर जा रहे हैं तो नेतृत्वकर्ता बनकर सत्तारूढ़ पार्टी के बड़े नेताओं से वजनदार बात करने लगे हैं। खबर तो यह भी है कि उनकी बातों को खासी तवज्जों भी दी जा रही है, लेकिन उनको तवज्जों देने के चक्कर में बड़े नेता कहीं गलत निर्णय पर न पहुंच जाए, इसकी ज्यादा संभावना दिखाई दे रही है।
भुगतान को लेकर रस्साकशी
जिले के एक बड़े निकाय में एक ही भुगतान दो बार होने को लेकर अध्यक्ष से लेकर पार्षदों में रस्साकशी चल रही है। इससे अध्यक्ष से लेकर पार्षद और सीएमओ में तकरार मची हुई है। खबर है कि कुछ भुगतान दो बार होने का मामला सामने आने के बाद अध्यक्ष ने नाराजगी जताई। उन्होंने अधीनस्थ स्टॉफ को भी खरीखोटी सुनाई तो कुछ पार्षद आगे आ गए। इससे मामला और अधिक गरमा गया।
चर्चाओं के मुताबिक अध्यक्ष और कुछ पार्षदों में भुगतान को लेकर खाई भी खींच गई है। इसमें नपा के सीएमओ और अधिकारी बलि का बकरा बन गए। यह मामला वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों तक पहुंच गया है। आने वाले दिनों में इस मामले में बवाल भी मच सकता है।