Betul Congress News: हेमंत की सक्रियता पर कांग्रेस की स्लीपर सेल की चुगलखोरी
कांग्रेस की एकजुटता नहीं आ रही रास, भोपाल से लेकर छिंदवाड़ा तक अलाप रहे राग

Betul Congress News : बैतूल। इस समय जिला कांग्रेस अध्यक्ष हेमंत वागद्रे ना काहू से दोस्ती, न काहू से बैर की तर्ज पर संगठन को मजबूती से चला रहे हैं। धड़े में बटे कांग्रेसियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर छोटे से लेकर बड़े कार्यक्रमों में न सिर्फ शिरकत कर रहे हैं, बल्कि कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए बेस्ट देने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच जिले में कांग्र्रेस की कुछ स्लीपर सेल उनके कामों में अड़ंगा लगाकर भोपाल और छिंदवाड़ा में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के कान भरकर आ रहे हैं।
कहा जा रहा है कि हेमंत की ईमानदारी पर तथाकथित कांग्रेसियों के पेट में मरोड़ आने पर एक आर फिर पार्टी बिखराव की ओर बढ़ रही है। यदि ऐसा हुआ तो इसकी भड़ास तथाकथित स्लीपर सेल के कांग्रेस नेताओं पर निकलना तय माना जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि हेमंत के अध्यक्ष बनने के बाद से कांग्रेस राष्ट्रीय से लेकर स्थानीय मुद्दों को लेकर जिस तरह वर्तमान दौर मुखर दिखाई दे रही है, यह बात भाजपा भी अच्छी तरह से जानती है। हेमंत के द्वारा उठाएं गए मुद्दों के बाद सत्तारूढ़ पार्टी को बैकफुट पर आकर कुछ निर्णयों को बदलना भी पड़ा है। कहीं न कहीं इसका श्रेय जिला कांग्रेस के मुखर अध्यक्ष वागद्रे को जाता है। देखने में आया है कि कांग्रेस जिला अध्यक्ष हेमंत भाजपा के सांसद, विधायकों पर सीधे आरोप लगाकर स्थानीय मुद्दों पर घेरते आ रहे हैं। उनकी इस ईमानदारी का ही नतीजा है कि विधानसभा चुनाव के बाद दूर खड़े कांग्रेस नेताओं का उन पर भरोसा जागा है और पार्टी एक बार फिर जिले में खड़ी होती दिखाई दे रही है।
हेमंत की सक्रियता से बौखलाहट
इधर सूत्र बताते हैं कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष वागद्रे जिले में बढ़ती सक्रियता के बाद स्लीपर सेल अब घबराकर भोपाल और छिंदवाड़ा जाकर वरिष्ठ नेताओं के कान भरकर आ रहे हैं। चर्चा है कि स्लीपर सेल की इच्छा है कि यदि संगठन में बदलाव हुआ तो जिला कांग्रेस का नया अध्यक्ष उनकी कटपुतली वाला बन जाए या फिर वागद्रे अपनी सक्रियता छोड़ दें।
स्लीपर सेल को लगता है कि जिस तरह से जिला कांग्रेस अध्यक्ष स्थानीय मुद्दों पर सत्ताधारी पार्टी ही नहीं, बल्कि सांसद एवं विधायकों को घेराबंदी कर रहे हैं। इससे कार्यकर्ताओं और आम जनता में पार्टी के प्रति स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है। मुद्दों पर आधारित मुखर राजनीति करने वाले जिला अध्यक्ष न काहू से न काहू से बैर वाले पेटर्न पर कांग्रेस के तमाम धड़े और नेताओं को पार्टी के कार्यक्रमों और मूवमेंट से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए स्लीपर सेल जिला अध्यक्ष की गति को कम करने के लिए आदत के मुताबिक हथकंडे अपना रहे हैं।
एक दूसरे के थे विरोधी, राग अलापने मिलाया हाथ
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस जब जिले में मजबूत हो रही है। ऐसे समय एक दूसरे को लेकर आग उगलने वाले स्लीपर सेल के पदाधिकारी हाथ मिला चुके हैं। इसी वजह एक ही दिन में भोपाल और छिंदवाड़ा की यात्रा भी हो रही है। इसमें सिर्फ समय का अंतर देखा जा रहा है।
कहा जा रहा है कि इस यात्रा में कानाफूसी करने के लिए स्लीपर सेल की टीम बड़े नेताओं के सामने रो धोकर माहौल बनाती है और फिर दूसरी फ्यूज बल्व स्लीपर सेल कुछ घंटों बाद रो धोकर विधवा विलाप जैसे अपना दुखड़ा सुनाकर वापस लौट जाती है। सूत्र बताते हैं कि इतना सब होने के बाद भी स्लीपर सेल के मंसूबे पूरे न होना चर्चा का विषय बन गया है। कट्टर कांग्रेसी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि स्लीपर सेल अब एक्सपोज भी हो गया है।