Politics: राजनीतिक हलचल: सक्रिय कार्यकर्ता सम्मेलन ने कैसे बढ़ी इन कार्यकर्ताओं की पूछ-परख?? घर के मामले में आखिर किसके पेट मे आया मरोड़ और दर्द??? सेवईयां पार्टी की वायरल करना भूले पूर्व माननीय या कोई और तर्क आ रहा सामने???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…..

Politics: Political stir: How did the active workers conference increase the demand for these workers??

सक्रिय कार्यकर्ता सम्मेलन ने बढ़ाई पहुंच

एक पार्टी में इन दिनों सक्रिय कार्यकर्ता को आमंत्रित कर वरिष्ठ नेता मार्गदर्शन दे रहे हैं। इसके लिए पार्टी ने बकायदा जिले भर में अलग-अलग मंडलों में अलग-अलग वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी में लूप लाइन में चल रहे कई ऐसे नेताओं को भी मुख्य वक्ता बनने का अवसर मिल गया। इस मौके को उन्होंने भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। वरिष्ठों के साथ कुर्सी सांझा कर कुछ नेताओं ने लच्छेदार भाषण देकर अपनी सक्रियता को दिखा दिया। जब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने भाषण को पोस्ट किया तो इस पर कई सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई, लेकिन कुछ लोग कटाक्ष करने से भी नहीं चूके। इसके राजनैतिक मायने सभी अलग-अलग तरीके से निकाल रहे हैं।

घर के मामले में आई पेट में मरोड़

हाल ही में एक पार्टी में चाचा-भतीजे की मुलाकात काफी सूर्खियां बटोर रही है। यह पार्टी के अलावा घर का मामला भी है, लेकिन दो घंटे की इस मुलाकात पर कुछ लोगों के पेट में आई मरोड़ और दर्द भी सुर्खियां बटोर रहा है। यह दर्द और मरोड़ भी जबरदस्त पीड़ा के साथ सामने आने से कुछ लोगों की राजनैतिक मंशा अलग रूप में दिख रही है। राजनीति में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। इस मामले में सबको समझ आ गया है कि चाचा-भतीजे के मनमुटाव का कौन फायदा उठा रहा है, यह बात सार्वजनिक हो जाएगी, लेकिन पेट में मरोड़ आने वालों को एक संदेश भी मिल गया है, जिससे वे दुबके हुए हैं।

सेवाइयां की फोटो वायरल नहीं

राजनीति में वैसे हर मौके को भुनाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। पार्टियों की भी हिदायत है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहकर अपनी गतिविधियों को अपडेट रखे। पिछले दिनों एक पूर्व माननीय भी ईद के दूसरे दिन इक्का-दुक्का घरों में सेवइयां खाने गए। अपने समर्थकों के साथ जमकर सेवइयां का जमकर लुत्फ उठाया, लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर इसका बखान नहीं किया गया। चर्चा है कि यह पोस्ट सोशल मीडिया पर इसलिए नहीं डाली गई, क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे इमेज पर असर पड़ेगा। हालांकि असर क्या पड़ेगा, इससे अच्छा कोई नहीं जान सकता।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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