Politics: राजनीतिक हलचल: मोर्चा पदाधिकारी का आखिर क्या है तबादला कनेक्शन?? सोशल मीडिया पर टैग करने का यह कैसा खेल??? बड़बोले नेता आखिर क्यों है बेचैन???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में…..
Politics: Political stir: What is the transfer connection of the front officer?? What kind of a game of tagging on social media???

मोर्चा पदाधिकारी का तबादला कनेक्शन
एक आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के मोर्चा के जिला स्तरीय पदाधिकारी और उनके नाम के पीछे सरनेम की जगह ट्रांसफर पोस्टिंग शब्द जोड़कर उन्हें संबोधन दिया जा रहा है। चर्चा है कि यह पदाधिकारी कोई काम धंधा नहीं करते हैं, लेकिन इतने अधिक है कि उनके आगे बड़े पदाधिकारी फीके साबित हो रहे हैं। पिछली सरकार में उन्होंने एक माननीय को गुमराह कर खूब ट्रांसफर और पोस्टिंग करवाई। एससी प्रकोष्ठ के मोर्चा पदाधिकारी की करतूत माननीय को पता चली तो दूर का रास्ता दिखा दिया। इसी वजह इस बार उन्हें ट्रांसफर-पोस्टिंग में खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी का पदाधिकारी होने के कारण उन्हें भरोसा है कि माननीय कुछ गणित जमा देंगे। यह पदाधिकारी जिस विधानसभा क्षेत्र से आते हैं, उसके माननीय जिले में सबसे सीनियर माने जाते हैं।
सोशल मीडिया पर टैग करने का खेल
जिले की राजनीति में इस समय सोशल मीडिया की जमकर तूती बोल रही है। बड़े से लेकर छोटा नेता सोशल मीडिया के सहारे अपने वरिष्ठ नेताओं तक सक्रियता को पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हद तो यह हो गई कि श्रद्धांजलि, तेरव्हीं, पौधरोपण के अलावा छोटे कार्यक्रमों को लेकर सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। यह कोई नई बात नहीं है, लेकिन पोस्ट डालने के बाद सत्ता पक्ष और विपक्षी पार्टी के कुछ नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष और बड़े पदाधिकारियों को भी टेग कर हंसी का पात्र बन रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से एक विपक्षी पार्टी के वरिष्ठ नेता अचानक सोशल मीडिया पर जागे अब वे इतने सक्रिय हो गए हैं कि छोटे कार्यक्रमों में शामिल होकर राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत वरिष्ठ नेताओं को टेग कर अपनी सक्रियता बताने का तथाकथित प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए वे हंसी के भी पात्र बन गए। सत्ता पक्ष से भी कुछ नेता और महिला पदाधिकारी भी इसी तरह का मुक्त प्रचार कर हंसी के पात्र बन गए हैं। चौक चौराहों पर इनके टेग वाली पोस्ट को लेकर खूब चर्चाएं हो रही हैं।
बड़बोले नेता आखिर क्यों हैं बेचैन ?
विपक्ष में दाने डालकर मुर्गी लड़ाने वाले एक बड़बोले नेता इन दिनों बेचैन है। अपनी ही पार्टी में खलबली पैदा करने के लिए जिला मुख्यालय के एक वरिष्ठ नेता को सलाह देने से नहीं चूक रहे हैं। हालांकि उनकी सलाह पर जनप्रतिनिधि रहे चुके इन वरिष्ठ पदाधिकारी का मानना है कि उक्त नेता मौसम वैज्ञानिक भी है, उनका विज्ञान इन दिनों सटीक काम नहीं कर रहा है। इसी वजह सलाह देने के लिए उनके आसपास मंडरा रहे हैं, ताकि पार्टी में हलचल हो और उनका दाने डालकर मुर्गी लड़ाने का विज्ञान असरदार हो जाए। नेताजी की बात समझते ही मुर्गी लड़ाने वाले नेता फिलहाल बैकफुट पर नजर आ रहे हैं और नई तरकीब ढूंढ रहे हैं।