Politics: राजनीतिक हलचल: किस राजनीतिज्ञ के वाहन में पकड़ाई 20 किलो चांदी?? भविष्य की संभावनाओं ओर यह कैसी मिलीभगत की राजनीति??? लेनदेन पर पार्टी बदलने वाले मित्रों के बीच खींचतान क्यों???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में……
Politics: Political stir: 20 kg silver caught in which politician's vehicle??

किसके वाहन में पकड़ाई 20 किलो चांदी
जिले की राजनीति में दखल रखने वाले एक पूर्व माननीय के वाहन की पड़ोसी जिले में 20 किलो चांदी पकड़ाएं जाने का मामला इन दिनों सुर्खियां बटोरने के साथ लोगों को कानाफूसी करने को मजबूर कर रहा है। यह बात अब चौक चौराहों पर चर्चा का विषय बनी हुई है कि पूर्व माननीय के वाहन से कुछ दिनों पहले महाराष्ट्र और मप्र की सीमा स्थित पांढुर्णा के पास 20 किलो चांदी जब्त की गई है। चर्चा है कि वाहनों की तलाशी के दौरान यह चांदी पूर्व माननीय के वाहन से सुरक्षाकर्मियों को मिली।
हालांकि उस समय पूर्व माननीय वाहन में मौजूद नहीं थे, लेकिन उनके ही वाहन से चांदी बरामद होने के बाद मामला हाईप्रोफाइल हो गया। वाहन में सवार उनके सिपहसालारो ने फोन घनघनाते पूर्व माननीय को इसकी जानकारी दी। आखिर में चर्चा का अंत हुआ है कि पूरा मामला बड़ी राजनीति एप्रोज के बाद रफादफा कर दिया गया। उच्च पदस्थ सूत्रों की मदद से चांदी के वैध दस्तावेज भी उपलब्ध करवाकर छोड़ने की चर्चा है।
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भविष्य की संभावनाओं पर यह कैसा दाव
एक माननीय की भविष्य की संभावनाओं से राजनीति से तालुकात रखने वाले कुछ लोग काफी बेचैन है। उनकी संभावनाओं पर पानी डालने के लिए पैड मीडिया को लगातार राशन-पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। माननीय के पक्ष में खबर छपवाकर उनकी दावेदारी को कमजोर करने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
इसके लिए गुपचुप तरीके से सोशल मीडिया का भी सहारा लेने की खबर है। चर्चा है कि इस मुहिम को लीड करने वाले पार्टी के ही लोगों के साथ विपक्षियों से करीबी रखने वाली एक टीम भी करने में लगी हुई है। ऐनकेन प्रकरेन में माननीय का रास्ता रोकने के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक भी लक्ष्मण रेखा खींचने का प्रयास किया है, लेकिन अब तक इस टीम को असफलता के अलावा कुछ और हाथ नहीं लगा है। इसी वजह यह टीम फिलहाल मायूस दिखाई दे रही है।
17 लाख के लेनदेन पर दो नेताओं के बीच खींची तलवार
हाल ही में विपक्षी पार्टी छोड़कर सत्तारूढ़ पार्टी में एक नेता और उनके पुराने विपक्षी पार्टी के मित्र का लाखों का लेनदेन सड़कों पर आ गया है। खींचतान ऐसी मची है कि अपने पैसों की अदायगी में रोड़ा अटकते देख विपक्षी नेता पुलिस की शरण मे पहुंच गए। पुलिस हस्तक्षेप होता इससे पहले ही सत्तारूढ़ पार्टी के नेता ने दरबार की ओर दौड़ लगा दी । अब दोनों पक्षों के बीच आपसी समन्वय बनाने के प्रयास तेज हो गए हैं, ताकि लेनदेन के चलते दोनों की दोस्ती में दरार न आए।
चर्चा है कि इस मामले में बवाल उस समय मचा, जब विपक्षी नेता ने सत्तारूढ़ पार्टी के नेता को दिए उधार के लिए पुलिस में जाना उचित समझा। मामला बढ़ता देख दोनों के समन्वयकों ने घर की बात घर में बैठने की सलाह दे डाली। प्रयास किए जा रहे हैं कि यह मामला आगे विवादों में न हो और दोनों की दोस्ती भी पार्टी अलग-अलग होने के बाद भी बनी रहे। इसलिए बीच का रास्ता निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।