Betul Ki Khabar: मंडी में शेड के भीतर और बाहर परिसर में व्यापारियों का कब्जा
Betul Ki Khabar: Traders occupy the premises inside and outside the shed in the market.

किसानों को उपज डालने के लिए नहीं मिल रही जगह, अव्यवस्था से हो रही परेशानी
Betul Ki Khabar: बैतूल। कृषि उपज मंडी की बिगड़ी व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही है। मंडी में उपज बेचने ला रहे किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मंडी में शेड के भीतर और शेड के बाहर परिसर में व्यापारियों का कब्जा है। शेड के भीतर और बाहर व्यापारियों ने अनाज के बोरे रखे है, जिसके कारण किसानों को उपज डालने के लिए जगह नहीं मिल पाती, किसान परेशान रहते है। मंडी प्रशासन द्वारा किसानों की परेशानी को लेकर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जा रहा।
मंडी की व्यवस्था को सुधारने के लिए कलेक्टर, एसडीएम सहित अन्य अधिकारी कई बार मौके पर पहुंचे और उन्होंने व्यवस्था बनाने का प्रयास किया, लेकिन अव्यवस्था जस के तस बनी है। कृषि उपज मंडी में इन दिनों बंपर आवक हो रही है। परिसर में उपज डालने के लिए किसानों को स्थान नहीं मिल पाता। कृषि उपज मंडी के शेड में व्यापारियों ने उपज के बोरे रखे है। शेड के बाहर भी खुले में व्यापारियों के अनाज के बोरे रखे है। किसानों के लिए मंडी परिसर की जगह कम पड़ रही है।
एसडीएम कलेक्टर ने कई बार व्यापारियों को अनाज के बोरे तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन इस पर अमल नहीं हो रहा है। गत दिनों जब प्रशासन ने व्यापारियों पर सख्ती दिखाई थी तो व्यापारियों ने खरीदी नहीं करने की चेतावनी दे दी थी, इसलिए प्रशासनिक अधिकारी अब व्यापारियों पर दबाव डालने और कार्रवाई करने से बच रहे है। इसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
25 हजार के ऊपर पहुंची उपज की आवक
इन दिनों कृषि उपज मंडी में उपज की बंपर आवक होने से हालात बिगड़ रहे है। सबसे ज्यादा मक्के की आवक हो रही है। कृषि उपज मंडी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इन मंडी में प्रतिदिन 25 हजार से अधिक बोरे उपज की आवक हो रही है। सबसे ज्यादा उपज मक्का की है। मक्का की 15 हजार से अधिक बोरे उपज प्रतिदिन आ रही है। इसके बाद गेहूं की सबसे ज्यादा आवक है। मंडी प्रशासन का कहना है कि अधिक आवक होने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में हो रही आवक के हिसाब से मंडी परिसर छोटा पड़ रहा है।
समर्थन मूल्य से कम मिल रहे सोयाबीन के दाम
कृषि उपज मंडी में समर्थन मूल्य से कम दो मिलने के बावजूद सोयाबीन की बंपर आवक हो रही है। इधर समर्थन मूल्य पर उपज के दाम अच्छे होने के बावजूद भी आवक कम हो रही है। पिछले कुछ वर्षों से किसानों को सोयाबीन के दाम अच्छे नहीं मिल रहे है। सोयाबीन के दाम 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल के इर्द-गिर्द घुम रहे है। कई किसानों का मानना है कि अब सोयाबीन की खेती करना किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसानों को फसल की बोवनी से लेकर कटाई तक रातदिन मेहनत करनी पड़ती है। जब किसान उपज बेचने लाते है तो वहां पर भी किसानों को दाम कम मिलने के साथ-साथ परेशान भी होना पड़ता है।
मंडी की अव्यवस्थाओं को लेकर सचिव शीला खातरकर से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।