Politics: राजनीतिक हलचल: एक माननीय को जनता ने चुना, लेकिन दर्शन को क्यों तरसा रहे?? आखिर किस अधिकारी पर नाराज हुए माननीय???? सीएम से करेंगे शिकायत….. 1 प्रमुख पदाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट के क्यों निकल रहे मायने???? विस्तार से पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम राजनीतिक हलचल में……..

Politics: Political stir: The public elected an honorable person, but why is he yearning for darshan

जनता ने चुना, फिर भी दर्शन को तरसा रहा

एक सुरक्षित सीट के माननीय की बीते वर्ष चुनाव में पार्टी की लहर में जीत का सेहरा पहनने का मौका मिल गया। शुरू में तो यह माननीय जीत के बाद सक्रिय दिखाई दिए, लेकिन अब उनकी निष्क्रियता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। पहले वे पार्टी के कार्यकर्ताओं के अलावा आम लोगों से भी रूबरू हो जाते थे, लेकिन अब हालात यह है कि केवल पार्टी के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों में ही उनके दर्शन हो पा रहे हैं। अपनी बड़ी विधानसभा के इक्का-दुक्का गांवों को छोड़ दे तो अपनी जीत के बाद अन्य गांवों में पहुंच ही नहीं पाए हैं।

कार्यकर्ता खुद माननीय से इतने परेशान है कि अपने कामों के लिए उन्हें तलाशना पड़ रहा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि उनके वांटेड के पोस्टर भी किसी भी समय विपक्षी पार्टी के ही नहीं उन्हीं के पार्टी के नेता गुपचुप लगा सकते हैं। यह वहीं माननीय है जो पशुओं के तस्करों को पार्टी में लाकर अपने साथ पार्टी की किरकिरी करा चुके हैं। इसके बाद वे महंगी और लग्जरी वाहन लेने के बाद चर्चा में आए हैं।

अधिकारियों की भूमिका पर खुलकर आई नाराजगी

जिले के एक युवा माननीय इन दिनों अपने क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों से नाखुश है। दरअसल पिछले दिनों उनके क्षेत्र में एक आत्महत्या कांड ने झकझोर कर रख दिया है। माननीय मामले में आहत और नाराज दोनों है। आहत होने के पीछे कार्यकर्ता से करीबी और नाराज होने का कारण पुलिस की लापरवाही बताई जा रही है। पिछले दिनों उन्हीं की नाराजगी के बाद उनके क्षेत्र में बदलाव हुआ, लेकिन इससे वे खुश नहीं है। उनसे बड़े एक अफसर की मामले में संदिग्ध गतिविधि के कारण माननीय काफी नाराज बताए जा रहे हैं। खबर है कि वे अगले सप्ताह इस अधिकारी को हटाने के लिए सीएम से मुलाकात करने वाले हैं। जिस अधिकारी से माननीय नाराज है, उन्हें यहां पर पदस्थ हुए ढाई वर्ष का लंबा अरसा भी बीत चुका है। माननीय आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से भी खासे नाराज बताए जा रहे हैं।

चर्चा में एक पदाधिकारी की सोशल मीडिया पोस्ट

सत्तारूढ़ पार्टी के एक प्रमुख पदाधिकारी वैसे सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय रहते है। इन दिनों पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में उन्हें दोबारा प्रमुख पद की कुर्सी मिलेगी या नहीं तय नहीं है। वैसे उनका चार वर्ष का कार्यकाल बड़ी उपब्धियों भरा कहा जा सकता है, लेकिन उनकी राह में पार्टी के ही कुछ दावेदार रोढ़ा बने हुए है। यह बात वे भी अच्छी तरह समझते है। हालांकि सार्वजनिक रूप से कोई बात नहीं कहते, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर शायराना अंदाज में जो कटाक्ष किया है, वह काफी सुर्खियां बंटोर रहा है। दरअसल, अपने खिलाफ बातें सुनकर हिम्मत मत हारा करों, क्योंकि शेर खिलाड़ी नहीं, तमाशायी ही करते है… के राजनीति में कई मायने निकल रहे है।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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