Betul Samachar: जिले का बेशकीमती सागौन वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट में शामिल
Betul Samachar: Precious teak forest of the district included in the district-forest product.

सीएम ने खुद सोशल मीडिया पर दी जानकारी, लकड़ी के उद्योग को बढ़ावा मिलने के आसार
Betul Samachar: बैतूल। बैतूल जिले का तेलिया सागौन एशिया में नम्बर एक की श्रेणी में रखा गया है। यही वजह है कि डिमांड के आधार पर तेलिया सागौन के जरिए शासन को करोड़ों रुपए के राजस्व की प्रतिवर्ष आय होती है, लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने एक कदम आगे बढ़ते हुए जिले के जंगलों में पाए जाने वाले तेलिया सागौन की उन्नत किस्म और जनप्रतिनिधियों से मिल रहे फीडबैक के बाद वन डिस्ट्रिक-वन प्रोडक्ट की श्रेणी में शामिल किया है। यानी कि एक जिला एक उत्पाद। जिले में पाए जाने वाले सागौन के जरिए लकड़ी उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने की नीति पर अब नए तरीके से काम शुरू किया जाएगा। इससे शासन की आय में तो वृद्धि होगी, साथ जिले में रहने वाले कई जरूरतमंदों के लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। हालांकि शासन स्तर से वन वृत को अभी इस संबंध में दिशा निर्देश नहीं मिल पाए हैं, लेकिन वनवृत की मुख्य वन संरक्षक वासु कनोजिया के मार्गदर्शन में प्राथमिक स्तर पर इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। दिशा-निर्देश मिलने के बाद इस योजना पर युद्ध स्तर पर काम भी शुरू कर दिया जाएगा।
शोसल मीडिया पर सीएम ने खुद दी जानकारी
जिले का सागौन एक जिला एक उत्पाद की श्रेणी में शामिल होने के बाद सी एम डॉ मोहन यादव ने स्वयं सोशल मीडिया पर इसे सार्वजनिक किया है। इसका साफ मतलब है कि राजस्व और रोजगार की दृष्टि से जिले में पाए जाने वाले तैलीय सागौन का कितना महत्व है। तेलिया सागौन मुलताई वन क्षेत्र के करीब 1125.711 हेक्टेयर में लहलहा रहा है। वन विभाग समय समय पर प्लांटेशन के जरिए इसके उत्पादन को लगातार बढ़ा भी रहा है। प्राकृतिक रूप से इस काष्ठ पर बनी हुई सुंदर धारियां और चमक ही इसे ज्यादा खूबसूरत बनाती हैं । यही वजह है कि खुले बाजार में इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है। वर्तमान में सागौन के विक्रय से शासन को करीब 100 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष राजस्व प्राप्त हो रहा है। प्राय: इसका उपयोग फर्नीचर, खिलौने, दरवाजे, खिड़की आदि बनाए जाने में किया जाता है, इसकी खूबसूरती ही इसे खास बनाती है। जिले और वन विभाग के लिए इसे उपलब्धि ही कहा जाएगा कि वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट के तहत अब जिले में पाया जाने वाला तेलिया सागौन विदेशों में भी अपनी चमक और खूबसूरती बिखेरेगा।
फर्नीचर उद्योग को मिलेगा बढ़ावा, उपलब्ध होंगे बाजार
दअसल शासन स्तर पर पूरे प्रदेश में यह योजना शुरू की गई है। जिसे वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट,यानि एक जिला एक उत्पाद का नाम दिया गया है। योजना का उद्देश्य है कि जिस भी जिले की जो भी प्रोडेक्ट प्रसिद्धि हासिल किए हुए हैं, उस पर विशेष कार्ययोजना बनाकर पूरा फोकस कर उसे बढ़ावा दिया जाएगा। इस उत्पाद से जुड़े व्यवसायियों को मदद के साथ-साथ बाजार भी उपलब्ध हो सके। इसके जरिए जहां प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ेगी तो वहीं शासन की आय के साथ साथ लोगों की भी आय बढ़ेगी। एक विशेष उद्योग को बढ़ावा मिलने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोगों के लिए रोजगार के साधन भी उपलब्ध हो सकेंगे।
जिले में बढ़ेगा फर्नीचर उद्योग का दायरा
जिले में उत्कृष्ट सागौन की पैदावार ज्यादा है, किंतु अभी तक सागौन से जुड़े व्यापारिक संस्थानों का काम जैसे-तैसे चल रहा था, लेकिन आने वाले समय में काफी हद तक परिस्थितियां बदल सकती है। वर्तमान में जिले में करीब 60 आरामशीन और लगभग 200 फर्नीचर मार्ट उपलब्ध हैं, लेकिन एक जिला एक उत्पाद योजना में शामिल होने के बाद जिले में इसकी संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ेगी। वन अधिकारियो के मुताबिक एक जिला एक उत्पाद का सीधा सा मतलब है कि उस उत्पाद से जुड़े काम को गति प्रदान किया जाना है। शासन स्तर पर जो कार्ययोजना प्रदान की जाएगी, उसके मुताबिक जिले में आरा मशीनों के साथ-साथ फर्नीचर मार्ट की संख्या भी बढ़ना लगभग तय है। निर्देशों और कार्ययोजना के अनुसार ही इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
इनका कहना…..
बैतूल जिले के जंगलों में पाए जाने वाले तेलिया सागौन को वन डिस्ट्रिक, वन प्रोड्क्ट स्कीम में शामिल किया गया है। इसका उद्देश्य सागौन उद्योग को बढ़ावा देना है। हालांकि कार्ययोजना से सम्बंधित दिशा -निर्देश अभी प्राप्त नहीं हुए हैं, लेकिन योजना को लेकर प्राथमिक स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। जो भी निर्देश शासन से मिलेंगे उसी आधार पर योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
वासु कनोजिया, मुख्य वन संरक्षक वनवृत बैतूल