Prashasanik Kona: प्रशासनिक कोना: बदमाश में पुलिस का भय जरूर, फिर भी क्यों अपना रहे हथकंडा?? साहब के ब्राण्ड के लिए भोपाल- नागपुर तक क्यों लगाना पड़ रहा दौड़???सरकारी लोहा बेचने पर किसके सिर मुसीबत गले पड़ी???? पढ़िए हमारे चर्चित कॉलम प्रशासनिक कोना में…..
Prashasanik Kona: Administrative Corner: Miscreants definitely fear the police

बदमाश डरे जरूर, फिर भी अपना रहे हथकंडा
वर्तमान में कप्तान साहब के नेतृत्व में पुलिस जिस तरह से बदमाशों पर एक्शन ले रही है, इससे उनमें डर तो बढ़ा है, लेकिन तथाकथित बदमाश अधिकारियों पर दबाव बनाने के नए हथकंडे अपना रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि पुलिस की कार्रवाई के बाद नेतानगरी और मीडिया में बेनकाब होने पर कोई मदद नहीं मिल रही तो सोशल मीडिया का धड़ल्ले से उपयोग कर रहे हैं। इनका मतलब भले ही कुछ हो, लेकिन हकीकत यह है कि बदमाश बताना चाह रहे हैं कि आम लोगों को लगे कि वे पुलिस की कार्यप्रणाली से जरा भी डरे नहीं है। यानी पुलिस को ही बदमाश सीधे चैलेंज कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों कुछ बदमाशों की पोस्ट खासी चर्चा में भी है। अब देखना यह है कि कप्तान साहब इस बारे में क्या कार्रवाई करते हैं।
साहब के ब्रांड को लेकर कर्मचारियों का सिरदर्द
इन दिनों राजस्व विभाग के एक बड़े साहब का ब्रांड कर्मचारियों के लिए खासा सिरदर्द बना हुआ है। सिरदर्द की वजह यह है कि साहब जिस ब्रांड का उपयोग करते हैं, वह काफी महंगी बताई जाती है। जिले के ठेकेदार इस ब्रांड को दुकानों में महंगी होने के कारण ही नहीं रखते हैं।
उनका मानना है कि उनकी भी परेशानी है कि यदि यह ब्रांड रखा तो अफसरों की सिफारिश आ जाती है, इसलिए अधिकांश ठेकेदार महंगे ब्रांड को रखते ही नहीं। चूंकि मामला बड़े अफसर से जुड़ा है, इसलिए साहब की डिमांड को पूरा करने के लिए नागपुर और भोपाल से यह ब्रांड बुलवाना पड़ रहा है। इसके लिए कई बार ब्रांड वाले विभाग के माध्यम से ठेकेदारों के माध्यम से भी अधीनस्थों को मनुहार लगाते हुए देखा गया है। अधीनस्थों की कई मिन्नतों के बाद साहब का ब्रांड कम से कम उन्हें सप्ताह में एक बार जरूर उपलब्ध कराना पड़ रहा है। बताते चले कि यह साहब पहले से ही दो टांग वाले के शौकीन है।
सरकारी लोहा बेचना पड़ गया महंगा
एक नपा में नियम के विरूद्ध सरकारी लोहा बेचना दो कर्मचारियों के लिए खासा महंगा पड़ गया है। पिछले दिनों एक सरकारी भवन को नियम के विरूद्ध तरीके से नपा ने तोड़ा था। इसमें भारी मात्रा में लोहा निकला तो आनन फानन में राजस्व अमले के दो प्रमुख कर्मचारियों ने करीब 48 हजार रुपए में कबाड़ी को बेच डाला। जब मामला किसी जागरूक नागरिक नें संज्ञान में आया तो उन्होंने शिकायत कर डाली। इससे दोनों कर्मचारी काफी टेंशन में है और शिकायत करने वालों से बीच का रास्ता निकालने के लिए बार-बार निवेदन कर रहे हैं। हालांकि शिकायतकर्ता मानने को तैयार नहीं है।