Betul Police Raid: 15 किलो लाइसेंस पर हो रहा था 60 किलो का कारोबार
Betul Police Raid: 60 kg was being traded on 15 kg license

पटाखा फैक्ट्री पर पुलिस का छापा, 25 हजार रस्सी बम बरामद, गुजरात, राजस्थान तक होती थी पटाखे की सप्लाई
Betul Police Raid: बैतूल। त्यौहारी सीजन को देखते हुए पुलिस ने पटाखा गोडाउनों का निरीक्षण शुरु कर दिया है। साईखेड़ा थाना क्षेत्र के ग्राम रेहड़वा स्थित दरवाई पटाखा फैक्ट्री पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की। यहां अनुमति से अधिक बारूद और पटाखे रखे गए थे। पुलिस ने पांच गोडाउनों को सील कर दिया है। पिछले तीन सालों से इन गोडाउनों में पटाखा बनाने का काम चल रहा था। सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में पत्रकारवार्ता आयोजित की गई, जिसमें एसपी निश्चल एन. झारिया, एएसपी कमला जोशी, एसडीओपी शालिनी परस्ते, गंज थाना प्रभारी रविकांत डहेरिया प्रमुख रूप से मौजूद थे।
एसपी ने बताया कि रविवार की रात को साईखेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम रेहड़वा स्थित दरवाई पटाखा फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस को भारी मात्रा में बारूद और रस्सी बम मिले है। यह पटाखा फैक्ट्री बैतूल निवासी अनिल दरवाई की है। पटाखा फैक्ट्री का लायसेंस जरूर है, लेकिन यहां अनुमति से अधिक बारूद और पटाखे पाए गए। एसपी ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री में 15 किलोग्राम बारूद रखने की अनुमति है, लेकिन यहां 60 किलो बारूद का भंडारण पाया गया, साथ ही 25 हजार रस्सी बम बरामद हुए है। प्रशासन-पुलिस की कार्रवाई में खुलासा हुआ है कि स्थानीय बाजार के बजाए विक्रेता राजस्थान-गुजरात के बाजार में पटाखों की सप्लाई करता था।
प्रशासन और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
पटाखा फैक्ट्री पर एसडीएम राजीव कहार और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई हुई है। पटाखा फैक्ट्री से 60 किलोग्राम बारूद और 25 हजार रस्सी बम मिले है, जिनकी कीमत 4 लाख रुपए आंकी गई है। बताया जा रहा है कि इस फैक्ट्री में 5 अलग-अलग गोडाउन थे, जिन्हें पूरी तरह से सील कर दिया है। इस मामले की और भी जांच चल रही है। जांच के बाद में और भी खुलासा होने की संभावना बनी हुई है। पटाखा फैक्ट्री के संचालक से फैक्ट्री के संबंध में दस्तावेज मांगे गए, लेकिन उन्होंने कई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए है। बताया जा रहा है कि प्रशासन की तरफ से इस पटाखा फैक्ट्री में फूलझड़ी और अनार रखने की अनुमति है, ना कि पटाखा बनाने की। पटाखा बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कैमिकल को भी जब्त किया है।
2021 से चल रही थी फैक्ट्री
पत्रकारवार्ता में पुलिस ने बताया कि जिस पटाखा फैक्ट्री पर कार्रवाई हुई है, उसका लाइसेंस 2021 में लिया गया है। फैक्ट्री संचालक द्वारा इसे समय-समय पर रिन्यूअल किया गया। इस वर्ष भी पटाखा फैक्ट्री के लायसेंस को 2028 तक के लिए रिन्यूअल किया है। प्रशासनिक लापरवाही की बात यह है कि 2021 से फैक्ट्री का संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब जाकर पटाखा बनाने की खबर लग पाई। इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन की भी लापरवाही सामने आई है। पटाखा फैक्ट्री में पुलिस को कई अनियमितताएं भी मिली है। फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं है। संचालक द्वारा लायसेंस के नियमों का उल्लंघन करते हुए पटाखा फैक्ट्री संचालित की जा रही थी।
लायसेंस किसी और के नाम और संचालन कोई और कर रहा था
पुलिस के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री का लायसेंस विकास नगर बैतूल निवासी अनिल पिता सीताराम दरवाई के नाम से है। मौके पर पुलिस को लायसेंस धारी नहीं मिला। बताया जा रहा है कि अनिल नीमच जिले में विगत 6 माह से एथेनॉल की फैक्ट्री में कार्य कर रहा है। पटाखा फैक्ट्री का संचालन उसका भाई राजेश कर रहा था। पुलिस ने राजेश दरवाई को गिरफ्तार कर लिया है। लायसेंस धारी आरोपी अनिल दरवाई को गिरफ्तार करने के लिए बैतूल से पुलिस टीम को नीमच भेजा गया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 287, 288, बीएनएस 2023, 5/9 बी विस्फोटक अधिनियम 1984, 14 (1ए), बालक और कुमार श्रम प्रतिशेश और विनियम 1986 के तहत कार्रवाई की है।
बिहार के मजदूरों से करवाया जा रहा था काम
पुलिस ने बताया कि पटाखा फैक्ट्री में काम करते 11 मजदूर पाए गए। यह सभी मजदूर बिहार के होना बताया जा रहा है। बिहार से लाए गए सभी मजदूरों को फैक्ट्री परिसर में ही रूकवाया था। स्थानीय मजदूरों को इसलिए काम से नहीं लगाया गया, ताकि पटाखा बनाने के संबंध में जानकारी लीक ना हो जाए। इन मजदूरों में कुछ नाबालिग मजदूर भी पाए गए। इन मजदूरों से कैमिकल से बारूद बनाने और पटाखा बनाने का काम करवाया जा रहा था।
कार्रवाई में इनकी रही भूमिका
पटाखा फैक्ट्री में की गई कार्रवाई में बैतूल एसडीएम राजीव कहार, एसडीओपी शालिनी परस्ते, गंज थाना प्रभारी रविकांत डहेरिया, निरीक्षक मुकेश ठाकुर, उप निरीक्षक दिलीप यादव, रणधीर सिंह राजपूत, उत्तम मस्तकार, पूनम साहू, सहायक उप निरीक्षक किशोरीलाल सल्लाम, प्रधार आरक्षक चंद्रकिशोर, मयूर, विनय, बलवीर, आरक्षक अनिरूद्ध यादव, नरेन्द्र धुर्वे, सुरजीत, दीपेन्द्र सिंह समेत सायबर सेल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
गुजरात ले जाकर बेचते थे पटाखे
पुलिस ने खुलासा किया है कि रेहड़वा स्थित पटाखा फैक्ट्री में बने पटाखों को जिले में ना बेचकर पटाखों को गुजरात सहित अन्य राज्यों में बेचा जा रहा था। जो रस्सीबम मिले है, वह रस्सीबम बड़े साइज के और इस तरह के रस्सीबम बैतूल में कम बिकते है। पटाखा बम बनाने की पोल ना खुल जाए इसलिए पटाखों को दूसरे राज्य में ले जाकर बेचने का काम किया जा रहा था। पुलिस इसकी भी तस्दीक में लगी है कि आखिरकार किस-किस राज्य में पटाखे बेचे जा रहे थे। पुलिस का कहना है कि अभी मामले की जांच जारी है। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने और पूछताछ के बाद ही और खुलासा हो पाएगा।