Nal-Jal Yojana : अधिकारी नलजल योजना को गंभीरता से लें, अन्यथा दूसरी जगह देख लें

Nal-Jal Yojana: Officials should take Nal Jal Yojana seriously, otherwise look elsewhere

विधायक पंडाग्रे की पीएचई के अधिकारियों को दो टूक, फिर दिया अल्टीमेटम

Nal-Jal Yojana : बैतूल। जिले में करोड़ों-अरबों रुपए खर्च करने के 4 साल बाद भी जब ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल नसीब नहीं हुआ तो जिले के पांचों विधायकों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच चुका है, क्योंकि अब उनके विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण मतदाता उनसे ही सवाल पूछ रहे हैं। अधिकारियों और ठेकेदारों की जुगलबंदी ने आज ये हाल कर डाले हैं कि सीमा से अधिक खर्च होने के बावजूद इसके कोई हल निकालना अब असंभव जैसा प्रतीत हो रहा है।

कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी, जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन सहित पीएचई अधिकारियों की संयुक्त बैठक में आमला-सारणी विधानसभा से दूसरी बार विधायक चुने गए डॉ.योगेश पण्डाग्रे ने तीखे तेवर दिखाते हुए साफ कर दिया है कि जिन ग्राम पंचायतों में योजना का काम अधूरा पड़ा हुआ है। समय सीमा के भीतर उन कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए अन्यथा अधिकारी कोई दूसरी जगह देख लें। विधायकों की नाराजगी से साफ जाहिर हो रहा है कि आने वाले समय में इस समस्या का कोई समाधान नहीं निकाला जाता है तो दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों को आपराधिक प्रकरणों का सामना करना पड़ सकता है।

अधिकारियों और ठेकेदारों की वजह से करोड़ों का नुकसान

नल जल योजना के तहत ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराए जाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर करोड़ों रुपयों का बजट बैतूल जिले को भी दिया गया था। यह वह राशि थी जो देश के टैक्सपेयर से विकास कार्यों के लिए टैक्स के रूप में खुद सरकार वसूल करती है। पीएचई विभाग के इंजीनियरों का यह दायित्व था कि करोड़ों खर्च होने के बाद इसके सकरात्मक परिणाम भी आज धरातल पर नजर आने थे, लेकिन ऐसा क्यों नहीं हो पाया। इसका जवाब भी अधिकारियों, पीएचई के इंजीनियरों और ठेकेदारों से ही पूछा जाना चाहिए और ठीक वैसा ही हो रहा है।

विधायक डॉ. योगेश पण्डाग्रे ने बताया कि नल जल योजना का सही क्रियान्वयन नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं। कई ग्राम पंचायतों में ठेकेदारों ने ना ही गंभीरता से काम किया और ना ही पीएचई के इंजीनियरों ने ध्यान दिया। सरकार ने इतना पैसा दिया, लेकिन अधिकारियों और ठेकेदारों की चूक से जनता को जो फायदा मिलना था वो आज तक नहीं मिल पाया है। बैठक में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिन ठेकेदारों ने लापरवाही की है, उन सभी को चिन्हित कर कार्यवाही की जाए। अधिकारियों से भी दो टूक कह दिया गया है कि यदि वे ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं तो कोई दूसरी जगह देख लें।

अकेले आमला ब्लॉक में ही 100 करोड़ के काम

विधायक डॉ योगेश पंडाग्रे की नाराजगी बिल्कुल वाजिब है, क्योंकि यह मामला खुद उनकी विधानसभा क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल जल योजना के तहत अकेले आमला ब्लॉक में ही करीब 100 करोड़ रुपए के काम शुरू किए गए थे। ब्लॉक की 68 पंचायतों में से 65 पंचायते ऐसी हैं, जहां योजना पर काम तो किया गया, लेकिन घटिया काम की वजह से यह योजना अभी तक शुरू ही नहीं हो पाई है।

मामला जब सांझवीर टाईम्स ने एक्सपोज किया, जिसके बाद आमला-सारणी विधायक डॉ. योगेश पंडागे्र ने मोर्चा संभाला और उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र की अधिकांश ग्राम पंचायतों में पहुंचकर बदहाली अपनी आंखों से देखनी शुरू की और सरपंच, सचिव सहित ग्रामीणों से मिलकर हो रही समस्या पर सीधी चर्चा की तो अधिकारियों और ठेकेदारों की कारगुजारी एक-एककर सामने आने लगीं। कुल मिलाकर अब अधिकारियों और ठेकेदारों को जवाब देना पड़ेगा कि योजना का सत्यानाश आखिर कैसे किया गया?

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Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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