Betul Swhaccha bharat abhiyam farziwada: जिपं सीईओ का दावा: फाइल कमिश्रर कार्यालय गई है

कमिश्नर ने दो दिन पहले किया था फाइल न आने से इंकार, कौन सच्चा, कौन झूठा, सभी को इंतजार
Betul Swhaccha bharat abhiyam farziwada: बैतूल। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण में जिले की दो जनपदों भीमपुर और चिचोली में 13 करोड़ के गबन में जनपद सीईओ पर कार्रवाई के लिए जिला पंचायत से कमिश्रर कार्यालय नर्मदापुरम भेजे गए प्रस्ताव पर बवाल मच गया है।
दरअसल प्रस्ताव भेजने के लगभग 25 दिन तक जांच की गति को लेकर सांझवीर टाईम्स ने कमिश्रर केजी तिवारी से इस संबंध में चर्चा की थी तो उन्होंने स्पष्ट इंकार कर दिया था कि यहां कोई फाइल नहीं आई है। कार्रवाई और जांच जिला मुख्यालय से ही होगी। सांझवीर टाईम्स ने यह मामला दो दिन पहले प्रमुखता से उठाया तो बैतूल से लेकर नर्मदापुरम तक हड़कंप मचा हुआ है। इसके बाद जिला पंचायत सीईओ ने दावा किया है कि प्रस्ताव नर्मदापुरम भेजा गया है।
अब तक कमिश्रर साहब तक नहीं पहुंचा होगा। डिप्टी कमिश्रर के पास भी फाइल जा सकती है। इसके बाद उन तक पहुंचेगा। अब मामले में कौन सच्चा और कौन झूठा है, यह तो दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच का मामला है, लेकिन पड़ताल और अधिकारियों से चर्चा के बाद हमने वस्तुस्थिति सबके सामने रखी है। खबर प्रकाशित होने के बाद जिला पंचायत सीईओ इसे गलत बताने और सब सच्चाई प्रकाशित करने की बात कर रहे हैं, इसलिए पाठकों के लिए हम उनसे हुई चर्चा को खबर में स्थान दे रहे हैं।
कमिश्रर ने दो टूक शब्दों में किया इंकार
चिचोली और भीमपुर में 13 करोड़ से अधिक गबन के मामले में नर्मदापुरम कमिश्रर केजी तिवारी के पास किसी भी तरह की फाइल दो दिन पहले तक नहीं पहुंची है।
कहा जा रहा है कि वे ऐसे कर्मठ अधिकारी है कि हर सप्ताह संभाग की 2-3 तहसीलों का दौरा करने से नहीं चुकते हैं। संभागायुक्त घोटाले के पहले चिचोली और भीमपुर भी गए। सूत्र बताते हैं कि उन्हें कहीं आहट हुई, तब कलेक्टर और सीईओ ने यह मामला पकड़ा। जब जांच शुरू हुई तो हड़कंप की स्थिति निर्मित हुई और जिपं सीईओ जनपद सीईओ पर कार्रवाई के लिए कमिश्रर को प्रस्ताव भेजने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दो दिन पहले उन्होंने किसी तरह की फाइलें आने से इंकार दिया है।
उन्होंने यह भी बताया कि मामला मुख्यालय से है , इसलिए कार्रवाई भी वहीं से होगी। उनकी इस बात से साफ है कि 25 से अधिक दिनों के बाद भी 13 करोड़ के घोटाले की फाइल उन तक नहीं पहुंचना कहीं न कहीं प्रशासनिक लापरवाही का सबसे बड़ा उदाहरण कहा जा सकता है।
हमने प्रस्ताव भेजा, सर के टेबल पर नहीं पहुंची होगी फाइल: सीईओ
जिला पंचायत सीईओ अक्षत जैन ने डंके की चोट पर दावा किया है कि उन्होंने अपने कार्यालय से प्रतिवेदन की फाइल कमिश्रर कार्यालय नर्मदापुरम भेजी है।
उन्होंने कमिश्रर के फाइल न पहुंचने के दावे पर कहा कि कमिश्रर साहब ने इसलिए फाइल न पहुंचने की बात कही होगी, क्योंकि उनके डेस्क पर नहीं पहुंचेगी। हो सकता है कि डिप्टी कमिश्रर के पास फाइल हो, इसके बाद उनके पास जाए। उन्होंने बताया कि प्रक्रिया में कुछ समय लगता है, इसलिए कमिश्रर साहब के पास फाइल नहीं पहुंची होगी। सीईओ ने इस प्रतिनिधि को यह भी कहा कि शब्द लिख चुके हैं तो पूछ क्यों रहे हो? उनकी इस प्रतिक्रिया से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस तरह की बातें की जा रही है।