Betul News: एनयूएलएम का दफ्तर उसी स्थान पर होगा संचालित

Betul News: NULM office will operate at the same location

सांझवीर टाईम्स की खबर के बाद सीएमओ का बंगला शिफ्ट करने का जमकर हुआ विरोध

Betul News: बैतूल। बैतूल नगर पालिका के सीएमओ के पदभार ग्रहण करने के बाद दावे के साथ कह रहे थे कि व्यवस्थाओं में सुधार लाने के लिए वे अधीनस्थों को नोटिस भी देंगे और कार्रवाई भी करेंगे। इसके उलट वे खुद नपा की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद ऐसे निर्णय ले रहे है, जिसकी सर्वत्र आलोचना हो रही है। सांझवीर टाईम्स में दो दिनों तक सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किए जाने के बाद फिलहाल सीएमओ द्वारा एनयूएलएम के दफ्तर को अपना बंगला बनाने में तथाकथित प्रयास को फिलहाल ब्रेक लग गया है। इतना जरूर है इस बहाने एनयूएलएम की दुरूदशा सुधारने के प्रयास शुरू हो गए है। इससे कर्मचारियों को भी फौरी तौर पर राहत मिल गई है।

करीब तीन महीनों पहले सतीश मटसेनिया ने सीएमओ का पदभार ग्रहण किया था, उम्मीद की जा रही थी कि वे नगरपालिका की वित्तीय स्थिति समेत अधीनस्थों पर नकेल कस कर व्यवस्थाएं पटरी पर लाएंगे। इसके बावजूद वे ऐसा कुछ करने में सफल नहीं हो सकें है। सूत्र बताते है कि तीन-चार माह के कार्यकला में ना तो वे अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, पार्षदों का विश्वास तक नहीं जीत पाए। भाजपा के एक पार्षद ने नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि नपा में लगता ही नहीं कि सीएमओ साहब है। उन्होंने बताया कि अपने कामों के लिए सीएमओ से मिलने जाते है तो उनकी बाते सुनी तो ध्यान पूर्वक जाती है, लेकिन अधीनस्थों को निर्देश देने के बाद पूरी बात हवा-हवाई हो जा रही है।

उनकी बातों का समर्थन करते हुए दूसरे पार्षद ने बताया है कि चार माह में केवल रूटीन के इक्का-दूक्का कामों को छोड़ दे तो बैतूल नपा में कोई काम नहीं हो पा रहा है। पार्षदों की बातों में इतने हल्के में लिया जा रहा है कि नगरपालिका ही जाना बंद करना पड़ेगा। उनका कहना था कि सीएमओ अपनी मनमर्जी से काम कर रहे है लेकिन, पार्षदों को तब्बजों नहीं दिए जाने से इस तरह की स्थिति निर्मत हो रही है। कई पार्षदों ने बताया है कि अपना बंगला शिफ्ट करने को लेकर भी बैठक में निर्णय लेने की बजाए सीएमओ खुद कर्मचारियों को निर्देशित कर रहे है।

विरोध बड़ा तो तब तक शिफ्ट करना हुआ स्थगित

सूत्र बताते है कि एनयूएलएम का शिवाजी चौक स्थित दफ्तर सीएमओ को आवंटित सदर के बंगले में शिफ्ट किया जाना था। दफ्तर की जगह सीएमओ अपना बंगला शिफ्ट कर रहे थे। यह खबर कर्मचारियों के लिए भी पीड़ादायी थी। दरअसल सदर में जिस जगह दफ्तर शिफ्ट किया जाना था जिसकी दूरी करीब 1 किलोमीटर दूर थी। इससे काम काज भी बुरी तरह प्रभावित होता। सांझवीर टाईम्स ने इस मुद्दे को लेकर दो दिनों से सिलसिलेवार समाचार प्रकाशित किया तो सीएमओ को अपना निर्णय बदलने को मजबूर होना पड़ा। खबर है कि फिलहाल एनयूएलएम का दफ्तर सदर में शिफ्ट नहीं होगा। इससे कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी। इस मामले को लेकर नपाध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित पार्षद भी अपने नाराजगी जता चुके है।

प्रभारी ने भी माना योजना होती प्रभावित

पूरे मामले में जब एनयूएलएम के प्रभारी अखिलेश चौहान ने बताया कि उन्हें भी इस तरह की जानकारी मिली थी, लेकिन दफ्तर खाली करने जैसी बाते सामने नहीं आई। उन्होंने बताया कि यदि एनयूएलएम का दफ्तर सदर स्थित सीएमओ के बंगले पर शिफ्ट होता तो सभी काम प्रभावित हो जाते, चूंकि यह काफी दूर होने के साथ आउंट साईड था। यहां हितग्राही भी नहीं पहुंच पाते। चौहान ने बताया कि दफ्तर से अभी कबाड़ा हटाकर अभी मरम्मत करवाई जा रही है तथा पुताई कर व्यवस्थाएं बनाए जाने के प्रयास किए जा रहे है। इस संबंध में सीएमओ सतीश मटसेनिया को कॉल किया तो उन्होंने फोन अटैन करना मुनासिफ नहीं समझा।

Ankit Suryawanshi

मैं www.snewstimes.com का एडिटर हूं। मैं 2021 से लगातार ऑनलाइन न्यूज पोर्टल पर काम कर रहा हूं। मुझे कई बड़ी वेबसाइट पर कंटेंट लिखकर गूगल पर रैंक कराए हैं। मैने 2021 में सबसे पहले khabarwani.com, फिर betulupdate.com, sanjhveer.com, taptidarshan.com, betulvarta.com, yatharthyoddha.com पर काम करने का अनुभव प्राप्त हैं।इसके अलावा मैं 2012 से पत्रकारिता/मीडिया से जुड़ा हुआ हूं। प्रदेश टुडे के बाद लोकमत समाचार में लगभग 6 साल सेवाएं दीं। इसके साथ ही बैतूल जिले के खबरवानी, प्रादेशिक जनमत के लिए काम किया।

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